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पुरुषों में मुख, महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर ज्यादा, हर दिन सामने आ रहे सात नए मरीज, ये हैं कारण

locationजबलपुरPublished: Mar 01, 2020 04:44:16 pm

Submitted by:

abhishek dixit

पुरुषों में मुख, महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर ज्यादा, हर दिन सामने आ रहे सात नए मरीज, ये हैं कारण

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जबलपुर. जबलपुर से जुड़े अंचल में पुरुषों में मुख (ओरल) और महिलाओं में गर्भाशय (सर्वाइकल) और स्तन (ब्रेस्ट) कैंसर तेजी से बढ़ रहा है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कैंसर के 10-15 नए मरीज प्रतिदिन सामने आ रहे हैं। इसमें करीब आधे मरीज तीन प्रकार के कैंसर (मुख, गर्भाशय व स्तन) से पीडि़त मिल रहे हैं। मुख के कैंसर पीडि़त पुरुष ज्यादा है। वहीं, महिलाओं में गर्भाशय और स्तन कैंसर ज्यादा मिल रहा है। जानकारों का मानना है कि कैंसर की बड़ी वजह तम्बाकू, एल्कोहल और पान मसाला है। प्रतिदिन जांच में मिल रहे मुख और गर्भाशय कैंसर से पीडि़त 6-7 मरीजों में 70-80 प्रतिशत तंबाकू और एल्कोहल के कारण होने की बात जांच में सामने आई है।

ग्रामीण क्षेत्र में गर्भाशय, शहरी में ब्रेस्ट कैंसर ज्यादा
मेडिकल कॉलेज के कैंसर अस्पताल में प्रतिदिन औसतन डेढ़ सौ मरीज जांच के लिए पहुंच रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार मुख के कैंसर से पीडि़त पुरुष निम्न और उच्च, दोनों वर्गों में मिल रहे हैं। निचले तबके में ज्यादातर पीडि़त कम उम्र से सुपारी और तम्बाकू की लत से ग्रसित मिले हैं। वहीं, उच्च वर्ग में ज्यादातर पीडि़त पुरुष शराब के सेवन के आदि मिलने की बात कही जा रही है। डॉक्टरों के ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं में गर्भाशय कैंसर और शहरी क्षेत्र की महिलाओं में स्तन कैंसर के केस ज्यादा हैं।

संक्रमण का यह है कारण
– मुंह के अंदर तम्बाकू, सुपारी रखने से गाल, मसूड़ों और मुंह के भीतरी हिस्सों का कैंसर होता है। शराब के सेवन से भी ओरल कैंसर का खतरा रहता है।
– गर्भाशय या ग्रीवा कैंसर तब होता है जब गर्भाशय में कोशिकाएं एचपीवी या मानव पेपिलोमावायरस के उच्च जोखिम वाले प्रकारों से संक्रमित होती हैं।
– स्तन कैंसर स्तन की कोशिकाओं में शुरू होने वाला एक ट्यूमर है। ऐसे बहुत से कारक हैं जो इसके खतरें को बढ़ा देते हैं। इस रोग के होने की संभावना हमारे जीन्स, शरीर, जीवन शैली, आदतों पर निर्भर करता है।

पुरुषों में मुख कैंसर व महिलाओं में स्तन और गर्भाशय कैंसर के केस ज्यादा हैं। अस्पताल में आने वाले मरीजों में करीब आधे मरीज इन प्रकार के कैंसर से पीडि़त हैं। बीमारी और लक्षण को लेकर जागरुकता जरूरी है। शरीर में कोई भी गांठ हो या मुख में ज्यादा समय तक छाले तों, इसकी जांच करानी चाहिए। पहली और दूसरी स्टेज में कैंसर का पता चलने पर इसे नियंत्रित करने की संभावना होती है।
डॉ. श्यामजी रावत, कैंसर सर्जन, मेडिकल कॉलेज

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