जबलपुर

मप्र में जमकर चल रहा सीजेरियन का धंधा, दोगुना से ज्यादा बच्चे पेट काटकर पैदा हुए

सम्भाग के निजी अस्पतालों में सामान्य से दोगुना ज्यादा हुए सीजेरियन प्रसव
 

जबलपुरDec 04, 2021 / 11:19 am

Lalit kostha

Cesarean delivery

मनीष गर्ग@जबलपुर। सम्भाग के निजी अस्पतालों में सरकारी अस्पतालों की तुलना में सौ फीसदी ज्यादा सीजेरियन प्रसव हो रहे हैं। जबकि, राष्ट्रीय मानकों के अनुसार किसी भी संस्था में कुल होने वाले प्रसव में 25 फीसदी सीजेरियन होना चाहिए। सम्भाग के सिवनी जिले के निजी अस्पतालों में 1 सामान्य प्रसव तो पांच सीजेरियन हो रहे हैं। जबलपुर के निजी अस्पतालों में भी यह आंकड़ा 60-70 प्रतिशत है।

जहां निजी अस्पताल नहीं, वहां सीजेरियन कम, डिंडोरी जिला इसका उदाहरण
यह भी है एक कारण
जानकारों के अनुसार सामान्य स्थिति में 5 से 7 प्रतिशत प्रसव केस हाईरिस्क होते हैं। निजी अस्पतालों में लगभग 7-10 प्रशित केस प्री-प्लानिंग से सीजर होते हैं। इसके बाद भी 80-150 फीसदी तक सीजेरियन प्रसव हो रहे हैं। कुछ जिलों में यह आंकड़ा 200 प्रतिशत से ज्यादा है। संभाग के सिवनी जिले में बीते तीन वर्षों में निजी अस्पतालों में 487 सामान्य प्रसव और 3244 सीजेरियन प्रसव हुए। इसी अवधि में यहां के सरकारी अस्पतालों में 54 हजार 875 सामान्य प्रसव हुए। इसकी तुलना में 7123 सीजेरियन हुए। डिंडोरी एक भी निजी अस्पताल नहीं है। यहां के सरकारी अस्पतालों में ही प्रसव होते हैं। यहां पिछले तीन वर्ष में 34 हजार सामान्य प्रसव हुए।

 

ऑडिट का प्रावधान नहीं
राष्ट्रीय मानकों के अनुसार किसी भी स्वास्थ्य संस्था में कुल होने वाले सामान्य प्रसव का अधिकतम 25 प्रतिशत सीजेरियन होना चाहिए। संभाग के सरकारी अस्पतालों में सीजेरियन प्रसव का ऑडिट होता है। निजी अस्पतालों के आंकडों के ऑडिट का प्रावधान नहीं है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत समय-समय पर स्त्री रोग विशेषज्ञों की कार्यशाला आयोजित कर सुरक्षित व सामान्य प्रसव पर चर्चा की जाती है।
– डॉ. संजय मिश्रा, संभागीय संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं

रिस्क लेने का समय नहीं
सीजेरियन बढऩे का बड़ा कारण जांच की सुविधाएं बढऩा है। गर्भावस्था में की जाने वाली जांच से कई बार रिस्क फैक्टर सामने आते हैं। इससे गर्भस्थ शिशु व प्रसूता को भी खतरा रहता है। बचने के लिए सीजेरियन का निर्णय लेना पड़ता है। कई बार मरीज भी इंतजार नहीं करना चाहते। परिजन भी सीजेरियन के लिए कहते हैं।सरकारी अस्पतालों में भी अब सीजेरियन बढ़े हैं।
– डॉ.निशा साहू, वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ, पूर्व अधीक्षक, एल्गिन अस्पताल

Home / Jabalpur / मप्र में जमकर चल रहा सीजेरियन का धंधा, दोगुना से ज्यादा बच्चे पेट काटकर पैदा हुए

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.