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नगर परिषद के सामूहिक फैसले के लिए अध्यक्ष को नहीं बनाया जा सकता निशाना-मप्र हाईकोर्ट

locationजबलपुरPublished: Jan 18, 2020 11:52:45 am

Submitted by:

Rahul Mishra

कटंगी नगर परिषद अध्यक्ष को हटाने का आदेश निरस्त
 
मप्र हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा कि नगर परिषद के सामूहिक फैसले के लिए अकेले अध्यक्ष को निशाना नहीं बनाया जा सकता। जस्टिस नंदिता दुबे की सिंगल बेंच ने इस मत के साथ जबलपुर जिले की कटंगी नगर परिषद की अध्यक्ष प्रीति स्वप्निल अग्रवाल को हटाने का आदेश निरस्त कर दिया।

Jabalpur High Court

Jabalpur High Court

जबलपुर.

मप्र हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा कि नगर परिषद के सामूहिक फैसले के लिए अकेले अध्यक्ष को निशाना नहीं बनाया जा सकता। जस्टिस नंदिता दुबे की सिंगल बेंच ने इस मत के साथ जबलपुर जिले की कटंगी नगर परिषद की अध्यक्ष प्रीति स्वप्निल अग्रवाल को हटाने का आदेश निरस्त कर दिया। अग्रवाल को हटाने का आदेश १५ नवंबर २०१९ को जारी किया गया था।

कटंगी नगर परिषद की अध्यक्ष प्रीति स्वप्निल अग्रवाल की ओर से याचिका दायर कर कहा गया कि उन्होंने निर्वाचन के बाद १५ जनवरी २०१५ को कार्यभार ग्रहण किया। ३० मई २०१५ को उनके खिलाफ अनियमितता की शिकायत हुई। इसकी जांच कराई गई। १३ जून २०१७ को जांच रिपोर्ट में याचिकाकर्ता के खिलाफ शिकायतों को निराधार बताया गया। इसके बावजूद शिकायत के आधार पर दूसरी जांच कराई गई। जिसकी रिपोर्ट १ सितंबर २०१७ को आई। इस जांच रिपोर्ट में अध्यक्ष, सीएमओ व एकाउंट ऑफिसर को दैनिक वेतन भोगियों की भर्ती व जीआई पाइप लाइन खरीद में घोटाले का दोषी पाया गया। इस रिपोर्ट के आधार पर उन्हें पहले शोकॉज नोटिस दिया गया, फिर नगर पालिका अधिनियम की धारा ४१ ए के तहत कार्रवाई कर हटाने का आदेश जारी कर दिया गया।

वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ, अधिवक्ता जुबिन प्रसाद ने तर्क दिया कि नगर परिषद के सामूहिक निर्णय के लिए अध्यक्ष को अकेले जिम्मेदार ठहराना अनुचित है। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ व्यक्तिगत रूप से न तो कोई आरोप है और ना ही रिपोर्ट में उन्हें व्यक्तिगत रूप से दोषी ठहराया गया। तर्क से सहमत होकर कोर्ट ने १५ नवंबर २०१९ का आदेश निरस्त कर दिया। सरकार का पक्ष उप महाधिवक्ता प्रवीण दुबे ने रखा।

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