गुरु पूर्णिमा 2019: मिलिए अनोखे गुरु से, जो प्रसाद में देते हैं ऑक्सीजन सिलेंडर
विद्वानों ने दिया ग्रहण के दौरान नियम पालन का मार्गदर्शन
ग्रहण स्पर्श 16 जुलाई को रात 1.30 बजे। ग्रहण मध्य 17 जुलाई को रात 3.01 मिनट , मोक्ष 17 जुलाई को रात 4.30 बजे। ग्रहण का सूतक मंगलवार को दोपहर 4.30 बजे लगेगा। लेकिन बालक, रोगी एवं वृद्धों को एक प्रहर पहले मात्र रात 10 बजकर 30 मिनट से रहेगा।
– सूतक प्रारंभ होने के पूर्व मंदिरों के पट बंद हो जाएंगे।
– बचे हुए शेष पकवान (पका हुआ खाना) का त्याग करें।
– पेयजल में कुशा या तुलसी पत्र डालकर सेवन करें।
– गर्भवती महिलाएं ग्रहण दर्शन न करें ना ही प्रकाश में आए।
– गुरु पूजन एवं व्यास पूजा प्रात: काल ही करें।
– संभव न हो तो में दोपहर 4.30 के पूर्व कर लें।
– ग्रहण के मध्य शांत भाव से भगवत् चिंतन या जप करें।
– ग्रहण के बाद नहाकर देवालयों में प्रवेश कर दर्शन करें।
(जैसा कि नगर पंडित सभा की विज्ञप्ति में बताया गया है।)
ग्वारीघाट में शाम को होने वाली आरती होगी दोपहर तीन बजे से
ग्वारीघाट में प्रतिदिन शाम को होने वाली नर्मदा महाआरती का आयोजन दोपहर 3 बजे से होगा। ग्रहण के कारण आरती के समय में परिवर्तन किया गया है। आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि आरती के समय में उक्त परिवर्तन ग्रहण के चलते एक दिवस के लिए ही किया गया है। श्रद्धालुओं से आग्रह है कि वे समय पर पहुंचकर आयोजन में शामिल हों।