ऐसी रहेगी ग्रहों की स्थिति
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार चंद्र ग्रहण के समय राहु और शनि चंद्रमा के साथ धनु राशि में स्थित रहेंगे। ग्रहों की ऐसी स्थिति होने के कारण ग्रहण का प्रभाव और भी अधिक नजर आएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि राहु और शुक्र सूर्य के साथ रहेंगे। साथ ही चार विपरीत ग्रह शुक्र, शनि, राहु और केतु के घेरे में सूर्य रहेगा। इस स्थिति में मंगल नीच का हो जाएगा। ग्रहण के समय ग्रहों की ये स्थिति तनाव बढ़ाने वाला साबित होगा।
9 घंटे पहले सूतक
गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण होने से पूजन कार्यक्रम प्रभावित होंगे। चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है। ऐसे में चंद्र ग्रहण का प्रारंभ रात में 01.31 बजे हो रहा है तो सूतक काल 9 घंटे पहले(शाम 04.30 बजे) से ही शुरू हो जाएगा। चंद्र ग्रहण के समाप्त होने तक सूतक काल होगा। मान्यता है कि सूतक के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। सूतक काल में मंदिरों के पट बंद होने के साथ ही सिर्फ भगवान की भक्ति ही की जाएगी।
गुरु पूर्णिमा पर ग्रहण का साया
इस साल भी गुरु पूर्णिमा पर ग्रहण का साया रहेगा। 16 जुलाई को आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि और मंगलवार का दिन है। आषाढ़ी पूर्णिमा होने के कारण गुरु पूर्णिमा का भी योग बन रहा है। इसी दिन वर्ष का दूसरा चंद्र ग्रहण है। इसके कारण एक ओर गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी तो देर रात चंद्रमा ग्रहण से जूझता नजर आएगा। ग्रहण के सूतक काल के कारण शाम के बाद गुरु पूजा के विधान प्रभावित होंगे। ज्योतिषविदों के अनुसार शाम 4.30 बजे से पहले गुरु पूजा करना होगा।