news facts- लम्बी मेहनत में छोटी मेहनत वाला सिस्टम अप्लाई न करें
आगे कहा कि सक्सेस क्या है? सक्सेस पाने के लिए अपनी क्षमताओं को पार करेंगे, तब लोग मानेंगे कि आप सक्सेस हो। उन्होंने छोटी मेहनत और लम्बी मेहनत के अंतर को बताया। छोटी मेहनत में धक्का मार मोटिवेशन को अप्लाइ किया जा सकता है, लेकिन लम्बी मेहनत के लिए धक्का मार मोटिवेशन काम नहीं करेगा। लम्बी मेहनत में हर कोई घबराकर बैक फुट पर आ जाते हैं, क्योंकि वे लम्बी मेहनत में छोटी मेहनत वाला सिस्टम ट्राय कर रहे होते हैं। स्टूडेंट्स के पूछे गए सवालों का उन्होंने सैटिसफाइ करने वाला जवाब दिया। कार्यक्रम में डायरेक्टर सुबोध जैन, दिनेश मिश्रा, अनिल कुशवाहा और फैकल्टी अमित त्यागी ने चेतन भगत को स्मृति चिन्ह भेंट किया।
ये भी कहा
– एक गोल डिसाइड करें। गोल क्लीयर होना चाहिए।
– गोल डिसाइड करने के पीछे का कारण क्या है।
– कारण दिल से आने चाहिए, काम आपका दिमाग करेगा।