जबलपुर

डायरिया और दस्त की चपेट में नौनिहाल

15 दिन में चार हजार बच्चों की स्क्रीनिंग, 283 से अधिक बच्चे मिले बीमारियों से ग्रसित, 21 गंभीर कुपोषण के शिकार

जबलपुरJun 27, 2019 / 01:44 am

sudarshan ahirwa

children in grip of diarrhea and diarrhea

जबलपुर. सिहोरा. स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग सहित प्रशासन द्वारा कुपोषण को मिटाने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन सिहोरा ब्लॉक में यह प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। नियमित मॉनीटरिंग और योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन न होने से तहसील में कुपोषण लगातार बढ़ रहा है। मध्यप्रदेश शासन स्वास्थ्य विभाग द्वारा दस्तक अभियान की शुरुआत में ही नौनिहाल बीमारियों से ग्रसित पाए गए, जो शासन की योजनाओं की पोल खोल रहे हैं।

नौनिहाल न सिर्फ कुपोषण से जकड़े हुए हैं, बल्कि गंभीर की बीमारियों से भी ग्रसित मिल रहे हैं। 10 जून से शुरू हुए दस्तक अभियान में तहसील में नौनिहालों की स्थिति सामने आ रही है। 25 जून तक हुई बच्चों की स्क्रीनिंग के आंकड़े चौकाने वाले हैं। सिहोरा ब्लॉक के 8 सेक्टरों में 161 तक दलों द्वारा अब तक गांव की नब्ज टटोली गई है, जिसमें 5 वर्ष तक के 4470 बच्चों की स्क्रीनिंग अब तक हुई है। इसमें 283 बच्चे ऐसी हालत में मिले हैं जो किसी ना किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं और उन्हें तत्काल उपचार की जरूरत है। दलों द्वारा ऐसे बच्चों को समीप स्थित सिविल हॉस्पिटल या पोषण पुनर्वास केंद्र रेफर किया गया है।

104 दस्त, 45 डायरिया से पीडि़त
तहसील में बच्चे सिर्फ कुपोषण से ही नहीं डायरिया और दस्त जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं। 104 बच्चे दस्त से पीडि़त पाए गए, वहीं 45 बच्चे डायरिया से जूझते मिले। जांच के दौरान 21 बच्चे गंभीर कुपोषण का शिकार अब तक मिले हैं, जिन्हें तत्काल सिहोरा अस्पताल के एनआरसी सेंटर में भर्ती किया गया है। 13 बच्चे जन्मजात विकृति संयुक्त मिले हैं, जिनके उपचार के लिए पहल की जाएगी। सिहोरा नगरीय क्षेत्र की बात की जाए तो 8 बच्चे गंभीर कुपोषण के शिकार अब तक मिले हैं।

खास खास
-सिहोरा ब्लॉक में 1080 बच्चे दस्तक अभियान के लिए हुए डिजिटाइज्ड
-अब तक 2000 से अधिक बच्चों को वितरित की गईं आवश्यक दवाएं
-ब्लॉक में 225 से अधिक गांव और 18 नगरी क्षेत्र के वार्डों हुआ डिजिटाइजेशन
-ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर बच्चे डायरिया और गंभीर कुपोषण से ग्रसित मिले।

ब्लॉक में दस्तक अभियान चल रहा है। अभियान के माध्यम से बच्चों को चिन्हित कर गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को एनआरसी सहित अन्य माध्यमों से उपचार कराकर स्वस्थ करने का प्रयास किया जा रहा है।
वीरेंद्र मेहरा, बीपीएम

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