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china boycott : अब इस शहर में नहीं बिकती चाइनीज झालर-खिलौने, व्यापारियों का लाखों का माल हो रहा खराब

locationजबलपुरPublished: Aug 24, 2019 10:38:51 am

Submitted by:

Lalit kostha

होली में पिचकारी, दीपावली में पटाखे और लाइटिंग का आइटम, रक्षाबंधन में राखी और जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण के सिंहासन और मुकुट चाइनीज,खिलौने, इलेक्टिकल्स, प्लास्टिक फ्लावर और गिफ्ट आइटम

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जबलपुर. लाइङ्क्षटग हो, चाहे खिलौना। राखी में भी चाइनीज मटेरियल होता था। एक तरह से हमारे जीवन का बड़ा हिस्सा चाइनीज वस्तुओं का आदी हो गया था, लेकिन चाइनीज माल से देश के उद्योग-धंधों को हुए नुकसान से लोगों ने इनका उपयोग कम कर दिया है। शहर में इनकी बिक्री 30 फीसदी रह गई है। इससे चाइनीज माल की विदाई हो रही है। ये अनूठा विरोध है कि लोग देशहित के मैसेज आदि के माध्यम से एक दूसरे को जागरुक कर रहे हैं।

आंकड़ों के मुताबिक कई चीजों की बिक्री में 70 फीसदी तक आई कमी
गुणवत्ता को लेकर लोग हुए सजग तो शहर से चाइनीज आइटम्स को ‘विदाई’

सस्ता और आकर्षक होने के कारण चायनीज वस्तुओं का उपयोग शहर में तेजी के बढ़ा था। हर घर में कोई न कोई चाइनीज वस्तु मिलती थी। विशेषकर त्योहारों के समय इनकी मांग में कई गुना इजाफा हो गया था। चाइनीज झालर, सजावटी वस्तुएं, बच्चों के खिलौने, इलेक्ट्रिकल्स आइटम, प्लास्टिक के फूल के साथ-साथ होली में पिचकारी, दीपावली में पटाखे और लाइटिंग का आइटम, रक्षाबंधन में राखी और जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण के सिंहासन और मुकुट भी चाइनीज थे। खिलौने, इलेक्टिकल्स, प्लास्टिक फ्लावर और गिफ्ट आइटम की बात की जाए तो इनका मासिक कारोबार 50 से 70 करोड़ के बीच होता है। पहले लगभग 80 फीसदी चीजें चाइनीज थीं, लेकिन अब घटकर करीब 30 फीसदी हो गया है।

 

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क्या कहते हैं व्यापारी


लाइटिंग में पहले 90 फीसदी माल चाइनीज होता था। अब यह 20 से 30 फीसदी रह गया है। लोग खुद ही पसंद नहीं करते, इसलिए हम भी इसे नहीं मंगाते।
– मुकेश दुसेजा, कारोबारी

गिफ्ट आइटम को छोड़ दिया जाए तो चाइनीज माल की खपत अब पहले के मुकाबले बेहद कम रह गई है। चायनीज चीजों की सबसे बड़ी कमी कम टिकाउपन है।
– रामकुमार गुप्ता, कारोबारी

पहले में चाइनीज झालर लेता था, लेकिन जब पता चला कि इसकी वजह से अपने देश के कुटीर उद्योग खत्म हो रहे हैं, तब से इनकी तरफ देखना भी पसंद नहीं करता।
– तरुण कुशवाहा, ग्राहक

इस बार राखी की दुकानों में जाकर दुकानदार से पूछा कि इसमें चायनीज मटेरियल तो नहीं लगा। कुछ दुकानदारों ने थोड़ा माल लगे होने की बात कही। इसलिए मैंने रेशमी धागा ही खरीदा।
– तन्वी मरावी, ग्राहक

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