विधानसभा:- पाटन
कार्यक्रम स्थल:– सर्किट हाऊस, पाटन
समस्याएं:- मटर के प्रचुर उत्पादन के बावजूद सालों से मटर प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना नहीं हो पाई। शिक्षा व रोजगार के संसाधन न होने के कारण पलायन हो रहा है। अवैध शराब का धंधा चरम पर है। सुरक्षा व्यवस्था न के बराबर है। किसानों पर दलाल हावी हैं। चिकित्सा की भी बेहतर सुविधाएं नहीं हैं।
ये रहे मौजूद:- जगेंद्र सिंह, आनंद पलहा, महेंद्र पटेल, संजय साहू, विनय पटेल, खेमराज सिंह, अंकित जैन, ऋषभ सिंह, आशीष जैन, सोनू दुबे, सनी जैन, अर्पित जैन, शत्रुघ्न सिंह, शोभाराम पटेल, विनय पटेल, राजेश सिंह, आदि।
विधानसभा- केंट
कार्यक्रम स्थल– सामुदायिक भवन भीटा
समस्याएं – आवागमन के लिए सार्वजनिक वाहन नहीं। भोंगाद्वार से भीटा तक स्ट्रीट लाइट नही। बोरिंग के पानी की जांच नहीं होती है। क्षेत्र में शासकीय अस्पताल और खेल मैदान नहीं हैं। आसपास के क्षेत्र में युवा नशे की गिरफ्त में हैं। शिक्षा के लिए आसपास इंतजाम होने चाहिए। सामुदायिक भवन की मरम्मत हो।
ये रहे मौजूद – प्रकाश चौकसे, हरी लाल, सुरेश चौकसे, रूपचंद, जुगल विश्वकर्मा, मुकेश चौकसे, अशोक विश्वकर्मा, प्रेमलाल यादव, दालचंद लोधी, महेश पटेल, राजकुमार, विद्या सोनी, शारदा, अनीता, हेमराज झारिया आदि।
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विधानसभा:- पूर्व
कार्यक्रम स्थल:-नालबंद मोहल्ला
समस्याएं:- गंदगी का अंबार लगा रहता है। न तो विधानसभा क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं और न ही बेहतर शिक्षा के लिए अच्छे स्कूल हैं। रोजगार न होने के कारण अपराध पनप रहा है। अपराधियों पर प्रभावी कार्रवाई नही की जाती। पेयजल संकट भी प्रमुख समस्याओं में शामिल है।
ये रहे मौजूद:- अमीनुद्दीन, अलाउद्दीन, बबलू कुरैशी, मोहम्मद लियाकत, आबिद, अयूब अंसारी, नसीम अंसारी, लल्लू कुरैशी, तौकीर अंसारी, रसीद अंसारी, मुख्तार अंसारी, शमीम, इम्तियाज, मुईन, अजीज, महबूब अंसारी आदि।
विधानसभा- बरगी
कार्यक्रम स्थल– कचनारी
समस्याएं– विधानसभा के इस अद्र्धशहरी इस क्षेत्र में सड़क, पेयजल और सुरक्षा अहम समस्या के रूप में सामने आया। लोगों ने कहा कि सरकारी स्कूलों का आलम ये है कि यहां टैलेंट बनाने की बजाए डिग्रियां बांटी जा रही हैं। सिटी परिवहन की कोई कनेक्टिविटी नहीं है। भेड़ाघाट जैसा पयर्टन स्थल उपेक्षित पड़ा है।
ये रहे मौजूद – शुभांगी गुप्ता, शुभी गुप्ता, रीना गुप्ता, निधि तिवारी, गीता नेमा, संगीता यादव, सुनंदा यादव, सीमा पचौरी, प्रवीण तिवारी, प्रियंका पचौरी, शुभांगी तिवारी, शिवानी तिवारी आदि।
विधानसभा- पश्चिम
कार्यक्रम स्थल– मदन महल चौक
समस्याएं – मदनमहल की पहाड़ी पर कब्जा है। नर्मदा के दोनों प्रमुख तटों ग्वारीघाट व तिलवाराघाट की लगातार उपेक्षा हो रही है। शहर से टिम्बर कारोबार को बाहर शिफ्ट करने के लिए नए टिम्बर पार्क की आवश्यकता है, लेकिन जमीन मुहैया नहीं कराई जा रही है। खेलमैदान व उद्यान भी नहीं हैं।
ये रहे मौजूद – उमेश परमार, शांति लाल पटेल, मनोहर मध्यानी, केशव अबरोल, एबी मिश्रा, संजीव कुमार सिंह, विजय विश्वकर्मा, सीएल श्रीवास्तव, अभिषेक मिश्रा, अनिकेत सिंह, सुमित बुदरानी, रूपेश सिंह, अनिल वासानी आदि।
विधान सभा– उत्तर मध्य
स्थान – सरदार वल्लभ भाई पटेल स्कूल, लेबर चौक
समस्याएं – सड़क जर्जर हो चुकी है, कई तिराहे और चौराहों पर ओवरब्रिज की आवश्कयकता है। महिला सुरक्षा और यातायात के प्रति पुलिस संवेदनशील नहीं है। इलाके में रोजगार न के बराबर है। पेयजल समस्या से लोगों को आए दिन जूझना पड़ता है। अन्य मूलभूत सुविधाओं का भी इलाके में आभाव है।
ये रहे मौजूद – रूप किशोर प्यासी, आरएस पांडेय, धनंजय वाजपेयी, विनोद दुबे, नरेश पटेल, आरके जैन, निर्मल दुबे, घनश्याम दास गुप्ता, मुन्नालाल दुबे, आलोक उपाध्याय, सुरेश उपाध्याय, शालिगराम शर्मा, जेपी तिवारी, एलपी दुबे आदि।
विधानसभा:- सिहोरा
कार्यक्रम स्थल:-बस स्टेण्ड सिहोरा
समस्याएं – कॉलेज हैं, लेकिन छह विषयों में पीजी की कक्षाएं नहीं हैं। लगातार महिला महाविद्यालय, आईटीआई, पालीटेक्निक, कृषि महाविद्यालय की मांग की जा रही है। औद्योगिक क्षेत्र हरगढ़ का विकास ठप्प। स्थानीय युवाओं में बेरोजगारी तेजी से बढ़ी। सौ बिस्तरों के सिविल अस्पताल का अपना अस्तित्व नही।
ये रहे मौजूद :- मंजू राय, डॉ.अरूणा पांडे, मंजू मिश्रा, एसपी मिश्रा, बाबा कुरैशी, प्रवीण पाठक, अरूण जैन, अर्चना कोरचे, राजेश चौबे, विनय जैन, आलोक, गणेश, राजेश पटेल, विनोद गुप्ता, अतुल, विजय मिश्रा, अभय मिश्रा आदि।
विधानसभा :- पनागर
बैठक स्थल :- सामुदायिक भवन पनागर
समस्याएं – पनागर में बुद्ध वर्ग ने स्वच्छ राजनीति का संकल्प लेते हुए क्षेत्र के विकास की बात की। बैठक में समस्याओं पर गहन चिंतन करते हुए पनागर में मास्टर प्लान, व्यवस्थित डेयरी, शिक्षा सहित अस्पताल के अपग्रेड होने की मांग रखी। लोगों का कहना था कि पनागर का विकास मंद गति से हो रहा है, जिससे लोगों को जरूरत पडऩे पर अभी भी शहर पर आश्रित होना पड़ता है।