इस बात का हुआ खुलासा
पुलिस ने पिछले दिनों अस्पताल के अकाउंटेंट से पूछताछ की थी, जिसमें उसने बताया था कि मोखा ने उसे धमकाया था कि यदि वह उसके कहने पर डाटा मॉडीफाई नहीं करता है, तो वह उसे नौकरी से निकाल देगा। पुलिस ने अकाउंटेंट के बयान दर्ज किए। उसके बयानों की पुष्टी के लिए यह पता लगाया गया कि उस वक्त वहां और कौन मौजूद था। तब अकाउंटेंट पुलिस ने एसआइटी को अस्पताल के ही एक अन्य कर्मचारी का नाम बताया। नाम पता चलते ही एसआइटी ने उस कर्मचारी को थाने बुलाया। जहां उससे पूछताछ की गई।
चार्जशीट दाखिल होने पर खुलेंगे सीलबंद बयान- पुलिस द्वारा मामले में जिन-जिन गवाहों के न्यायालय में 164 के बयान कराए गए हैं। उन सभी के बयानों को सीलबंद कर दिया गया है। पुलिस द्वारा मामले में जब चार्जशीट पेश की जाएगी, तब उक्त बयानों को खोला जाएगा।
पहले इंकार, फिर बताई पूरी घटना
एसआइटी की पूछताछ से कर्मचारी बुरी तरह घबरा गया था। पहले तो उसने कुछ भी जानकारी होने की बात से इंकार किया, लेकिन जब एसआइटी ने उससे विस्तार से पूछताछ की, तो उसने डाटा मॉडीफाई और डिलीट करने के दिन का पूरा राज एसआइटी के सामने खोल दिया। उसने बताया कि उस दिन मोखा काफी परेशान था। मोखा ने अकाउंटेंट को डाटा मॉडीफाई करने को कहा, तो अकाउंटेंट ने पहले ना कह दिया था, तब मोखा ने उसे जोर से डांटा और नौकरी से निकाल देने की धमकी दी थी। इसी के बाद अकाउंटेंट ने डाटा मॉडीफाई किया था।