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सिटी अस्पताल के मालिक मोखा सहित 11 के खिलाफ 1311 पन्नों की चार्जशीट अदालत में पेश

locationजबलपुरPublished: Aug 07, 2021 09:13:17 am

Submitted by:

Lalit kostha

नकली रेमडेसिविर का मामला: अपराध की गम्भीरता को देखते हुए धाराएं और एनएसए अवधि बढ़ाई
 

सरबजीत सिंह मोखा

सरबजीत सिंह मोखा

जबलपुर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन सिटी अस्पताल में खपाने के मामले के मुख्य आरोपी और सिटी अस्पताल के डायरेक्टर सरबजीत सिंह मोखा समेत 11 आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने शुक्रवार को जिला न्यायालय में चार्जशीट पेश कर दी। 1311 पन्नों की चार्जशीट में 190 गवाहों का जिक्र है। इसके साथ ही आरोपियों से जब्त किए गए नकली रेमडेसिविर समेत अन्य 100 सबूतों का जिक्र भी है। चार्जशीट में पुलिस ने नकली रेमडेसिविर के वे बिल भी लगाए हैं, जो मरीजों के परिजनों को दिए गए थे। पुलिस की जांच में सामने आया कि सिटी अस्पताल में भर्ती 171 मरीजों को अस्पताल प्रबंधन द्वारा 209 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए गए थे। चार्जशीट में इस बात का भी जिक्र है। सीएसपी अखिलेश गौर और टीम की ओर से यह चालान तैयार किया गया।

10 मई को दर्ज हुआ था मामला
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में एसआईटी ने 10 मई को सरबजीत सिंह मोखा और उसके फार्मासिस्ट देवेश चौरसिया और भगवती फार्मा के संचालक सपन जैन समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इन तीनों आरोपियों के अलावा आठ और लोगों को मामले में आरोपी बनाया गया है।

माइलोन कंपनी ने एक भी इंजेक्शन नहीं भेजा था
सिटी अस्पताल, मोखा के घर और उसके कर्मचारियों से जब्त नकली रेमडेसिविर के वायल को पुलिस ने जांच के लिए माइलोन कंपनी को भेजा था। माइलोन कंपनी ने वायल और लिक्विड की जांच की। जिसके बाद यह जवाब भेजा कि वह रेमडेसिविर इंजेक्शन हैं ही नहीं। कंपनी ने पुलिस को दिए अपने पत्र में यह भी स्पष्ट लिखा है कि कंपनी की ओर से सिटी अस्पताल में एक भी रेमडेसिविर नहीं भेजा गया।

 

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अपराध में बढ़ाई धारा 304
पुलिस ने चालान पेश करने के लिए मेडिकल अस्पताल के मेडिको लीगल विभाग के एचओडी डॉ. विवेक श्रीवास्तव से भी मामले में राय ली। डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि यदि कोरोना मरीज को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन में मौजूद ग्लूकोज और नमक का घोल दिया गया, तो मरीज की जान को खतरा हो सकता है। इसके बाद पुलिस ने मामले में धारा 304 बढ़ा दी। आईपीसी की धारा 304 गैर इरादतन हत्या की धारा है। आरोप सिद्ध होने पर इस मामले में अजीवन कारावास की भी सजा हो सकती है।

गुजरात और इंदौर की भी रिपोर्ट
चालान के साथ जबलपुर पुलिस ने गुजरात के मोरबी स्थित बी डिवीजन थाना और इंदौर के विजय नगर थाना पुलिस की ओर से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में की गई जांच और जुटाए गए विभिन्न सबूतों की जानकारी भी चालान के साथ पेश की है।

12 नवम्बर तक बढ़ाया गया एनएसए
पुलिस ने मोखा और देवेश को 12 मई को एनएसए के तहत गिरफ्तार किया था। जिसके बाद दोनों को सेन्ट्रल जेल भेज दिया गया था। दोनों के एनएसए की मियाद 12 अगस्त को पूरी हो रही थी। पुलिस ने जिला दंडाधिकारी को प्रतिवेदन भेजा। जिसके आधार पर मोखा और देवेश का एनएसए 12 नवंबर तक बढ़ा दिया गया।

ये हैं नकली इंजेक्शन खपाने के आरोपी
सरबजीत सिंह मोखा : सिटी अस्पताल का डायरेक्टर
जसमीत मोखा : डायरेक्टर व मोखा की पत्नी
हरकरण मोखा : मोखा का बेटा
सोनिया शुक्ल खत्री : सिटी अस्पताल की मैनेजर
देवेश चौरसिया : सिटी अस्पताल का फार्मासिस्ट
सपन जैन : भगवती फार्मा का संचालक
राकेश शर्मा : मोखा का राजदार
सुनील मिश्रा : नकली रेमडेसिविर की डिलेवरी देने वाला
कौशल वोरा : गुजरात में नकली रेमडेसिविर बनाने वाला
पुनीत शाह : गुजरात में नकली रेमडेसिविर बनाने वाला
नागोजी : नकली रेमडेसिविर के स्टीकर बनाने वाला

इन धाराओं में चालान
भारतीय दंड विधान की धारा- 274, 275, 304, 308, 120 बी, 34
आपदा प्रबंधन अधिनियम- 53
ड्रग कंट्रोल एक्ट की धारा- 5/13
महामारी अधिनियम की धारा-3
आईटी एक्ट की धारा-65

नकली रेमडेसिविर मामले में सिटी अस्पताल डायरेक्टर सरबजीत सिंह मोखा समेत 11 आरोपियों के खिलाफ ेकोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी गई है।
– रोहित काशवानी, एएसपी

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