सिटीजन वेलफेयर एसोसिएशन जबलपुर के अध्यक्ष सुभाष चंद्रा की जनहित याचिका पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ओर से जारी किए गए आदेश के परिपालन में एडिशनल डिप्टी डायरेक्टर जनरल सीजीएचएस दिल्ली ने भोपाल के अपर निदेशक सीजीएचएस डा. जीसी डे को जांच कमेटी का चेयरमैन बनाया है। जबलपुर स्थित सीजीएचएस डिस्पेंसरी के चिकित्सक डॉ. पंकज पाटिल और क्लेरिकल स्टाफ को जांच कमेटी में शामिल किया गया है। टीम मंगलवार को सभी पक्षों को सुनकर मुख्यालय को रिपोर्ट भेजेगी। इसके बाद इन निजी अस्पतालों पर कार्रवाई हो सकती है।
शिकायतकर्ताओं ने बताई पीड़ा
जांच कमेटी ने सबसे पहले पीडि़तों का पक्ष सुना। उन्होंने बताया कि समय पर इलाज नहीं मिलने से उनके परिजन की मृत्यु हो गई। कुछ ने कहा कि बेड खाली होने पर भी अस्पताल प्रबंधन ने मरीज को भर्ती करने से मना कर दिया। कैशलेस सुविधा होने के बाद भी उनसे पैसे जमा कराए गए। कमेटी ने सिटीजन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष चंद्रा के बयान भी लिए।
दो की मौत, प्रमाण सहित रखा पक्ष
सिटीजन वेलफेयर एसोसिएशन के सुभाष चंद्रा और कुंवर सिंह ने जांच कमेटी के चेयरमैन को अस्पतालों की गड़बडिय़ों की जानकारी दी। अपर निदेशक सीजीएचएस कार्यालय जबलपुर की कमियों और लापरवाही के सम्बंध में भी अपना पक्ष प्रमाण सहित रखा। जांच कमेटी ने चंद्रा को प्रमाण सहित विस्तृत विवरण उपलब्ध कराने के लिए कहा। चंद्रा ने आरोप लगाया कि कोरोना काल में सीजीएचएस से मान्यता प्राप्त अस्पताल लाभार्थियों को लूट रहे थे। बेड उपलब्ध होते हुए भी भर्ती नहीं कर रहे थे या लाखों रुपए एडवांस जमा करवा रहे थे। मनमाने ढंग से बिलिंग कर इलाज किया जा रहा था। उन्होंने यह भी कहा कि इसी कारण दो लाभार्थियों की मौत हुई थी। इसलिए उन्हें उच्च न्यायालय की शरण लेनी पड़ी।
इन अस्पतालों से जवाब-तलब
– सिटी अस्पताल
– अनंत हॉस्पिटल
– मेट्रो अस्पताल
– स्वास्तिक अस्पताल