पक्षकार नहीं चाहता अदालत आना
जस्टिस मिश्रा ने अजगर व मेंढक की कहानी सुनाते हुए कहा कि कोई दुखी, पीडि़त भी होता है तो अदालत नहीं आता। वह सोचता है कि कहां जाऊं, क्या करूं? परंतु संविधान की मंशा है कि न्याय तक सबकी पहुंच हो। पक्षकार अन्याय के खिलाफ अदालत आएं। सीजेआई ने कहा कि यह तब संभव होगा, जब इन अदालतों में मूलभूत सुविधाएं व पक्षकारों केअनुकूल माहौल मिलेगा। उन्होंने नई जिला अदालत की इमारत के लिए आवश्यक धनराशि समय पर उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का धन्यवाद ज्ञापित किया।
साकेत कोर्ट से भी अच्छी
जस्टिस मिश्रा ने नई जिला अदालत के भवन की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने इससे पहले देश में एेसी जिला अदालत की इमारत नहीं देखी। दिल्ली की साकेत कोर्ट को वे सबसे अच्छी जिला अदालत की इमारत मानते थे। लेकिन इस भवन को देखने के बाद उनका यह भ्रम टूट गया। सीजेआई ने कहा कि अन्य जिलों में भी एेसे जिला न्यायालय भवन बनाए जाएं। इससे दूसरे प्रदेशों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मप हाईकोर्ट ेके चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता, पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन उपस्थित रहे।
दुष्कर्मियों को फांसी पर लटकाओ
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस अवसर पर कहा कि जस्टिस दीपक मिश्रा ने 12 साल यहां काम किया, लिहाजा उन पर प्रदेश का पूरा हक बनता है। सीएम चौहान ने मंदसौर में हुई मासूम बच्ची से दुष्कर्म की घटना पर संवंेदना व्यक्त करते हुए कहा कि हमने 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म करने वालों को फांसी की सजा देने का कानून पारित किया। केंद्र सरकार ने भी इसी तरह का कानून लागू किया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए निचले स्तर पर तो फास्ट ट्रेक कोर्ट काम कर रही हैं। जो जल्द से जल्द एेसे मामलों का निराकरण कर देती हैं। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट को भी इन मामलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट की तरह काम करना चाहिए। ताकि मासूमों से दरिदगी व क्रूरता करने वालों को जल्द से जल्द फांसी पर लटकाया जा सके। उन्होंने जिला अदालत के भवन के लिए सीजेआई मिश्रा, पूर्व एक्टिंग चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन व चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता के प्रयासों की सराहना की।
वकीलों के लिए मिलेगा फर्नीचर
सीएम चौहान को इस दौरान जिला अधिवक्ता संघ के सचिव मनीष मिश्रा, सहसचिव राजू मलैया ने ज्ञापन सौंपकर नवनिर्मित भवन में वकीलों के लिए कक्ष में फर्नीचर न होने क ी शिकायत की। समारोह के दौरान सीएम ने घोषणा कर दी कि वकीलों के लिए फर्नीचर सरकार उपलब्ध कराएगी।
77 हजार वर्ग फिट क्षेत्रफल
मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता ने इस मौके पर कहा कि नई इमारत की विशालता का अंदाजा इसके क्षेत्रफल से लगाया जा सकता है, जो 77 हजार वर्ग फिट है। करीब दो सौ करोड़ रुपए इस पर खर्च हो चुके हैं। जबकि राज्य सरकार ने इसके लिए 230 करोड़ रुपए स्वीकृत किये हैं। हाईकोर्ट के सीनियर जज आरएस झा ने कहा कि इस भवन के लिए जस्टिस मिश्रा के बाद मप्र हाईकोर्ट के पूर्व एक्टिंग चीफ जस्टिस व पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन ने भरपूर प्रयास किया। उन्होंने कहा कि यह महज शुरुआत है। अभी प्रदेश की न्यायपालिका को आगे और रास्ता तय करना है।
स्पेशल कोच से आए सीजेआई
दिल्ली से जबलपुर के लिए आने वाली फ्लाइट कैंसिल होने के चलते सीजेआई मिश्रा गोंडवाना एक्सप्रेस के जरिए सुबह 8.19 बजे जबलपुर स्टेशन पहुंचे। ट्रेन में सबसे आगे सीजेआई के लिए विशेष प्रथम श्रेणी वातानुकूलित कोच लगाया गया था। चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता, कलेक्टर छवि भारद्वाज, एसपी शशिकांत शुक्ला, महाधिवक्ता पुरुषेंद्र कौरव, जिला बार एसोसिएशन अध्यक्ष आरके सिंह सैनी, मप्र हाईकोर्ट एडवोकेट्स बार एसोशिएसन अध्यक्ष मनोज शर्मा ने उनका स्वागत किया।
ये रहे उपस्थित
हाईकोर्ट के प्रशासनिक जज एसके सेठ सहित अन्य जज, जिला एवं सत्र न्यायाधीश चंद्रेश खरे, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल अरविंद शुक्ला, स्टेट बार काउंसिल अध्यक्ष शिवेंद्र उपाध्याय, महाधिवक्ता पुरुषेंद्र कौरव, मप्र हाईकोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष आदर्शमुनि त्रिवेदी, जिला बार एसोसिएशन अध्यक्ष आरके सिंह सैनी सहित बड़ी संख्या में अधिवक्तागण मौजूद रहे।