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दावा किया था सेटेलाइट सिटी बना देंगे, अभी तक जमीन ही नहीं तलाश पाए

locationजबलपुरPublished: Dec 12, 2019 07:23:05 pm

Submitted by:

shyam bihari

सेटेलाइट सिटी बनाने का जबलपुर जिले के प्रशासन का दावा खोखला साबित हो रहा है।
Claim to build satellite city of Jabalpur administration’s is fail

Jabalpu

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जबलपुर। सेटेलाइट सिटी बनाने का जबलपुर जिले के प्रशासन का दावा खोखला साबित हो रहा है। जिले में विभिन्न विभागों की छोटी योजनाओं के लिए जमीन का आधार बन गया है। जिला प्रशासन ने जनवरी 2019 से अब तक 30 से ज्यादा योजनाओं के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 100 एकड़ से ज्यादा भूमि का आवंटन किया है। डेयरी, गोशाला (उमरिया-पिपरिया को छोड़कर), सेटेलाइट सिटी जैसी बड़ी परियोजनाओं के लिए भूमि की तलाश की जा रही है। शहरी क्षेत्र में जमीन का अभाव होने के कारण ज्यादातर योजनाओं को शहर से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित किया जा रहा है। अभी तक जितनी भी जमीन का आवंटन हुआ है, उनमें स्कूल, कॉलेज, न्यायालय, थाना, तहसील कार्यालय, प्रयोगशाल, सिविल अस्पताल आदि का निर्माण होगा।
शहरी क्षेत्र और आसपास मिली भूमि
राजस्व विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सामाजिक न्याय विभाग को भटौली गांव के पास एकड़ जमीन दी गई है। यहां पेड सीनियर सिटीजन होम का निर्माण होगा। नयागांव में सिविल अस्पताल के लिए लगभग दो हेक्टेयर जमीन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मद में दी गई है। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग को 2.50 हेक्टेयर भूमि ग्राम जमतरा में दी गई है। जमीन का उपयोग लघु जल विद्युत परियोजना के लिए होगा।
एक एकड़ में बनेगी प्रयोगशाला
डुमना मार्ग पर मझगवां गांव में खाद्य एवं औषधि विभाग को नवीन राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला के लिए एक एकड़ जमीन आवंटित की गई है। योजना का भूमिपूजन भी हो चुका है। संजीवनी नगर थाने के लिए गृह विभाग को ग्राम गढ़ा में 0.68 हेक्टेयर और रांझी तहसील के नए भवन के लिए 00.075 हेक्टेयर जमीन आवंटित की गई है।
ग्रामीण क्षेत्रों की प्रमुख योजनाएं
– मझौली तहसील के गौरहा, भिटौनी गांव में 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्र के लिए 0.80 हेक्टेयर भूमि दी गई। चरगवां के पास तिन्हेटा गांव में वन विभाग को पौधरोपण के लिए 3.87 हेक्टेयर भूमि का आवंटन किया गया। यह भूमि शहपुरा तहसील के अंतर्गत है। मंगेली गांव में पशुपालन विभाग को नवीन डेयरी साइंस एंड फूड टेक्नोलॉजी कॉलेज खोलने के लिए 14 हेक्टेयर जमीन का आवंटन किया गया। पर्यटन सम्बंधी गतिविधियों के लिए पर्यटन विभाग को जबलपुर तहसील के नान्हाखेड़ा गांव में 2.79 हेक्टेयर भूमि शासन ने दी है। शहपुरा तहसील के अंतर्गत सीनियर कन्या छात्रावास के लिए आदिम जाति कल्याण विभाग को 10 हजार वर्गमीटर भूमि प्रशासन ने दी। पायली ग्रामीण समूह जलप्रदाय योजना के तहत पानी की टंकी के लिए सात गांवों में 0.9-0.9 हेक्टेयर जमीन सिंचाई विभाग को दी गई। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को पानी की टंकी के लिए 23 गांवों में 0.9-0.9 भूमि का आवंटन किया गया। शहपुरा के पास झोझी गांव में 2.42 हेक्टेयर जमीन आवंटित हुई। यहां नवीन शासकीय कॉलेज की स्थापना का प्रस्ताव है। सिहोरा के सरदा खितौला गांव में न्यायालय भवन, न्यायाधीशों के आवास के निर्माण के लिए 9 एकड़ जमीन विधि एवं विधायी कार्य विभाग को दी गई। बरगी के चंदेरी गांव में 6.25 हेक्टेयर भूमि का आवंटन मप्र पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड को किया गया है। यहां विद्युत उपकेंद्र का निर्माण होगा। ग्राम चरगांव में 50 सीटर आदिवासी बालक छात्रावास का निर्माण हो रहा है। आदिम जाति कल्याण विभाग को 0.18 हेक्टेयर भूमि दी गई है। विधि एवं विधायी कार्य विभाग को ग्राम पाटन में 1.085 हेक्टेयर जमीन न्याय विभाग के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेण्ी के कर्मचारियों के आवास निर्माण के लिए दी गई है। ग्राम पाटन में सीनियर कन्या और बालक छात्रावास के निर्माण के लिए आदिमजाति कल्याण विभाग को दो एकड़ जमीन हस्तांतरित की गई है। मझौली में न्यायाधीशों के आवास, न्यायालय भवन के लिए 2.50 हेक्टेयर जमीन दी गई है। विधि एवं विधायी कार्य विभाग निर्माण कराएगा बरगी में शासकीय अस्पताल, चिकित्सक आवास के लिए एक हेक्टेयर से ज्यादा जमीन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को दी गई। शहपुरा के मनकेड़ी गांव में उप तहसील कार्यालय निर्माण के लिए राजस्व विभाग को 0.2 हेक्टेयर भूमि का आवंटन। इस बारे में जबलपुर कलेक्टर भरत यादव ने कहा कि बड़ी योजनाओं के लिए भूमि चिह्नित की जा रही है। उमरिया में गोशाला के लिए जमीन दे दी गई है। सेटेलाइट सिटी योजना के लिए बरगी हिल्स में 60 एकड़ जमीन दी जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में 23 गोशालाएं निर्माणाधीन हैं। डयरी के लिए 500 एकड़ भूमि तलाश रहे हैं।

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