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राजस्थान: उच्च शिक्षा में खाली पड़े पदों पर जल्द होगी भर्ती

locationजबलपुरPublished: Feb 22, 2017 09:43:00 am

Submitted by:

santosh

उच्च शिक्षा विभाग के शैक्षणिक और अशैक्षणिक स्तर पर खाली पड़े पदों पर जल्द ही चयन की प्रक्रिया शुरू होगी। संभावना है कि अगले सत्र से पहले इन पदों पर नियुक्तियां हो जाएंगी।

उच्च शिक्षा विभाग के शैक्षणिक और अशैक्षणिक स्तर पर खाली पड़े पदों पर जल्द ही चयन की प्रक्रिया शुरू होगी। संभावना है कि अगले सत्र से पहले इन पदों पर नियुक्तियां हो जाएंगी। मंगलवार को यह बात उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने राज्य के महाविद्यालय के प्राचार्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस में कही। 
इस दौरान उन्होंने सरकारी कॉलेज प्राचार्यों के साथ व्यक्तिश: संवाद किया और कॉलेज से जुड़ी आवश्यकताओं और समस्याओं पर भी बात की। साथ ही, उन्होंने प्राचार्यों से कहा कि वे अपने महाविद्यालय को बेहतर से बेहतर बनाने का प्रयास करें। वहीं, निजी कॉलेजों के बकाया एनओसी प्रकरणों को भी जल्द निपटाने के निर्देश दिए। माहेश्वरी ने सीमित संसाधनों के बावजूद राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य के बेहतरीन कार्य की प्रशंसा की।
परीक्षाएं पूरी तरह पारदर्शी हो

उच्च शिक्षामंत्री ने महाविद्यालयों में आगामी दिनों में होने वाली परीक्षाओं को पारदर्शिता से कराने की बात कही। उन्होंने प्रश्नपत्रों की गोपनीयता को सभी स्तरों पर बनाए रखे जाने के निर्देश देते हुए कहा कि कहीं पर भी पेपर लीक नहीं हो, इसे सुनिश्चित किया जाए। कॉलेज आयुक्तालय के आयुक्त आशुतोष ए.टी. पेडणेकर ने कहा कि महाविद्यालयों में परीक्षाओं के लिए स्टाफ की किसी भी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सभी महाविद्यालयों में अंदर और बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करें

संवाद के दौरान मंत्री किरण माहेश्वरी ने महाविद्यालयों को आवंटित बजट के समुचित उपयोग, देवनारायण छात्रा स्कूटी वितरण योजना तथा छात्रवृत्ति से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की। साथ ही, महाविद्यालयों में सूचना प्रौद्योगिकी का अधिकाधिक उपयोग करते हुए विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय प्राचार्य रूसा के तहत अपनी आवश्यकताएं भिजवाएं। बच्चों का सर्वे कराने की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि यह पता लगाया जाए कि कौन-कौन से विषयों की कोचिंग में बच्चों की रूचि है, ताकि उसी अनुसार कोचिंग योजना को क्रियान्वित किया जा सके।
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