डुमना नेचर रिजर्व में 40 हेक्टेयर वन क्षेत्र को टाइगर सफारी के लिए चिह्नित किया गया है। नगर निगम के प्रोजेक्ट पर राज्य वन अनुसंधान संस्थान की टीम ने जैव विविधता व पारिस्थितिकी तंत्र का सवेक्षण किया है। बीते सितम्बर एवं अक्टूबर माह में 12 टै्रप कैमरे और गैस मापने की आधुनिक मशीनों के माध्यम से सर्वेक्षण किया गया। ट्रैप कैमरा में आठ वन्य प्राणियों के साक्ष्य मिले जबकि, अन्य १३ प्रजातियों के वन्य प्राणियों की उपस्थिति दर्ज की गई। विभिन्न मानकों पर हवा की गुणवत्ता और जलस्रोत पर्याप्त पाया गया है। संस्थान के वन्य प्राणी शाखा प्रमुख डॉ. अंजना राजपूत की देख-देख में विशेषज्ञों ने रिपोर्ट तैयार की है।
उड़ान का प्रभाव
डुमना एयरपोर्ट की उड़ानों के दौरान आवाज मापने पर स्थिति अनुकूल मिली। एयरपोर्ट के रन वे से डुमना नेचर रिजर्व की आेर जाने वाले टेक ऑफ यानी जाने वाली उड़ाने हैं, जो कम समय में ही उधर से गुजर जाती हैं। एवरेज साउंड लेवल 41.74 डेसिबल पाया गया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार शांत क्षेत्र में मानक से कम साउंड लेवल है।
नेचर रिजर्व में साउंड लेवल(डेसिबल )
समय- आवाज- मानक आवाज
दिन- 46.57 – 50
रात- 36.9 -40
पक्षियों की नहीं बढ़ेगी संख्या
टाइगर सफारी के कंसल्टेट मुकेश दुबे के अनुसार टाइगर सफारी में वन्य प्राणी को खुले में आहार नहीं दिया जाता है। आहार के अवशेष हड्डी, मांस के टुकड़े आदि को जला दिया जाता है। सफारी में मानक के अनुसार साफ-सफाई की जाती है। पक्षियों की संख्या कम या ज्यादा होने की कोई संभावना नहीं है।
एक नजर में
-एयरपोर्ट से दूरी 1.57 किमी
-प्रस्तावित एरिया 40 हेक्टेयर
-वन्य प्राणी प्रजाति 13
-वृक्ष प्रजातिया- 24
-शाकीय प्रजातियां- 90
वर्जन-
नगर निगम के प्रोजेक्ट में संस्थान की टीम ने डुमना नेचर रिजर्व में बॉयोडायर्विटी सर्वे किया है। विभिन्न मानकों पर नेचर रिजर्व को बेहतर पाया गया है। यह रिपोर्ट नगर निगम को भेज दी गई है।
गिरिधर राव, पीसीसीएफ, डायरेक्टर