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सीएम हेल्पलाइन में शिकायतें भी नहीं देखते अधिकारी

locationजबलपुरPublished: Feb 14, 2020 12:03:36 pm

Submitted by:

gyani rajak

6 हजार से ज्यादा शिकायतें दर्ज, महीने में सिर्फ 30 फीसदी का निराकरण
 

सीएम हेल्पलाइन में शिकायतें भी नहीं देखते अधिकारी https://www.patrika.com/jabalpur-news/cm-helpline-6-thousand-complaints-officers-do-not-see-complaints

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जबलपुर. विभागों की कार्यप्रणाली से व्यथित आम आदमी यदि सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत करे तो उसका समाधान समय पर नहीं होता। जिले में वर्तमान में 6 हजार 163 से ज्यादा शिकायतें लंबित हैं। महीने में करीब 30 फीसदी का निराकरण हो पाता है। कुछ शिकायतें ऐसी हैं जिन्हें खोला तक नहीं गया। लेवल 1 से 4 तक इनके निराकरण की व्यवस्था बनी है, लेकिन यह अटकी रहती हैं। ऐसे में लोग फोन और पोर्टल के माध्यम से उसी शिकायत की जानकारी के लिए भटकते हैं।

सीएम हेल्पलाइन की व्यवस्था शासन के विभागों से जुड़ी योजना और सुविधाओं की जानकारी से लेकर उनकी शिकायतों के समाधान के लिए की गई थी। लोग इसे पोर्टल पर दर्ज कर सकते हैं या सीधे 181 डायल के जरिए भी प्रक्रिया पूरी की जा सकती है। इस योजना का मकसद सुशासन स्थापित करना है। मगर अधिकारी इन्हें सिरदर्द मानते हैं। इसलिए वह कम्प्यूटर पर लॉगिन कर उसका समाधान करने में आनाकानी करते हैं। कुछ विभागों में जरुर बेहतर काम होता है। लेकिन ज्यातादर की स्थिति खराब है। लेवल एक से लेकर चार तक स्थितियों में ज्यादा अंतर नहीं रहता।

CM Helpline- Are these applications pending yet
फैक्ट फाइल
– जिले में हर महीने 7 से 8 हजार शिकायतें।
– 70 से 80 फीसदी शिकायतें रहती हैं लंबित।
– हर महीने 30 फीसदी का हो पाता है समाधान।
– लेवल एक और दो स्तर पर से ज्यादा देरी।
– 10 से 12 प्रतिशत अधिकारी शिकायत नहीं देखते।
राशन और राजस्व के ज्यादा मामले
सीएम हेल्पलाइन में जिले में सबसे ज्यादा शिकायतें खाद्य आपूर्ति विभाग से जुड़ी हैं। इनकी संख्या 947 है। किसी ने राशन नहीं मिलने की शिकायत की है तो ज्यादातर यह जानकारी मांगी है कि उनकी पात्रता पर्ची कब आएगी। कभी तेल नहीं मिलता और शक्कर के लिए भी कुछ दिनों बाद आने के लिए राशन दुकान संचालक कह देते हैं। उसके बाद राजस्व विभाग है। यहां भी 612 शिकायतें दर्ज हैं। इनमें ज्यादात नामांकन, बटवारा, सीमांकन से जुड़ी हैं। लोगों की शिकायत है कि समय पर आरआई और पटवारी नहीं मिलते। ऐसे में उनका काम कई महीनों तक नहीं होता।
Demo Pic Call center

सबसे ज्यादा इनमें शिकायत
विभाग– शिकायतें
खाद्य आपूर्ति विभाग 947
राजस्व विभाग 612
ऊर्जा विभाग 324
अनुसूचित जाति कल्याण विभाग 289
लोक शिक्षण 244
लोक स्वास्थ्य 231
पंचायती राज 225
संस्थागत वित्त 211
मप्र आयुर्विज्ञान विवि 163
चिकित्या शिक्षा विभाग 151

100 दिन से ज्यादा की 22 सौ शिकायतें
यदि कोई व्यक्ति शिकायत करता है तो उसका समाधान आमतौर पर 7 से 30 दिनों के भीतर हो जाना चाहिए। मगर जिले में 6 हजार में 22 सौ से ज्यादा शिकायतें ऐसी हैं जिनका समाधान 100 दिनों में भी नहीं किया गया। अधिकारी जवाब में लिखते हैं हो जाएगा, कर दिया जाएगा। इससे कई बार शिकायतकर्ता भी हतोत्साहित होता है। प्रत्येक सप्ताह समय सीमा समीक्षा बैठक में इसकी समीक्षा होती है, कलेक्टर नोटिस से लेकर वेतन तक काटने के आदेश देते हैं लेकिन इससे भी ज्यादा फर्क नहीं पड़त। हाल में कुछ विभागों के लेवल एक स्तर के अधिकारियों का वेतन तक काटा गया।

किस लेवल पर लंबित
लेवल– शिकायतें
एक 2272
दो 711
तीन 654
चार 2526

सीएम हेल्पलाइन में आई शिकायतों की लगातार मॉनिटरिंग की जाती है। जिन विभागों में तय समय से ज्यादा दिनों तक शिकायतें लंबित हैं उन्हें नोटिस दिया जाता है। इस रिपोर्ट को प्रत्येक समय सीमा समीक्षा बैठक में भी रखा जा रहा है।

शुभांगी शुक्ला, जिला प्रबंधक लोकसेवा

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