अखिल भारतीय मलयाली संघ के अध्यक्ष अधिवक्ता सोमन के मेनन सहित 4 संस्थाओं ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि 25 दिसम्बर को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश में सीएए नही लागू करने का बयान दिया था। मुख्यमंत्री के इस बयान को याचिका में गैरजिम्मेदाराना बताया गया। कहा गया कि राष्ट्रपति से मंजूरी के बाद उक्त कानून देश मे हुआ लागू हुआ। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 10 जनवरी 2020 को कानून लागू करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया। इसके बावजूद सीएम का यह बयान नैतिक नहीं है। यह केंद्र सरकार का विषय है, राज्य को इसमें हस्तक्षेप का अधिकार नही है। अधिवक्ता आशा तिवारी के अनुसार याचिका में मांग की गई कि अपनी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दें। प्रदेश के मुख्य सचिव से कानून लागू करने के संबंध में अभिवचन लिया जाए। प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका की कुछ तकनीकी कमियां दूर करने का निर्देश देकर 29 जनवरी तक सुनवाई स्थगित कर दी।