जिले में शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के भी प्रमुख तालाबों की हाल बुरे हैं। शहर में एक दौर में तालाबों की विस्तृत श्रृखंला थी। इनकी संरचना कुछ इस तरह थी कि ये प्राकृतिक तरीके से भरते थे परंतु समय के साथ अवैध निर्माण कांक्रीट के जंगलों ने पहाड़ों के साथ ही तालाबों को लील लिया। तालाबों के मामले में हाईकोर्ट ने भी संजीदगी दिखाई पर जिमेदारों की अनदेखी ने इन तालाबों को मिटने के लिए छोड़ दिया। हाल ही में जिला प्रशासन द्वारा हनुमानताल व इमरती तालाब के सरंक्षण की दिशा में कार्य शुरू किए है परंतु कई ऐसे तालाब है जिन पर समय रहते ध्यान देना जरूरी है।

भूजल स्तर हो रहा कम
तालाबों के पूरे जाने के बाद शहर का भूजल स्तर भी कम हो रहा है। शहर के कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर तीन सौ फिट तक भूजल स्तर पहुंच गया। ऐसे में आने वाले दिनों में और जलस्तर गिर सकता है। मुख्य मार्ग के किनारे बने महानद्दा तालाब को कुछ दिन पहले मिट्टी डाल कर पूरने का प्रयास किया गया। इस मामले के प्रकाश में आने के बाद भी प्रशासन यह पता नहीं कर सका कि आखिर तालाब को पूर कौन रहा था।
बाल सागर का आकार हो रहा छोटा
बाल सागर तालाब नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज से मध्यप्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी को हस्तांतरित है। मेडिकल यूनिवर्सिटी ने तालाब को सहेजने की योजना बनाई थी जो कागजों में ही खो गई। यहां तालाब के चारो ओर पौधरोपण के साथ ही पाथ वे बना था। जिससे इसका प्राकृतिक कैचमेंट एरिया रहा आए। मौजूदा स्थिति में यूनिवर्सिटी के जिम्मेदारों को तालाब का पूरा रकवा भी नहीं पता है। बालसागर तालाब का आकार भी अब सिकुडने लगा है। यूनिवर्सिटी द्वारा तालाब संरक्षण की दिशा में कोई ठोस कार्य नहीं किए गए। तालाब का कैचमेंट एरिया अब समाप्त हो गया है। जानकार बताते हैं कि तालाब का सीमांकन कराया जाए तो बड़े पैमाने पर यहां अतिक्रमण होगा। बाल सागर के आसपास के एरिया से पहले हाईकोर्ट के निर्देश पर ही अवैध अतिक्रमण हटाए गए थे।
यह है स्थिति
कभी 52 ताल व 84 तलैया वाला शहर था जबलपुर
मौजूदा स्थिति में कुल 36 ताल-तलैया ही है शेष
15 साल में केवल 6 तालाबों का ही संरक्षण हुआ
अतिक्रमण से घिर गए अधिकांश तालाब, कैचमेंट एरिया हुआ खत्म
तालाबों में जा रहा सीवर का पानी, संरक्षण की ठोस पहल नहीं
सूरज ताल अतिक्रमण से घिर गया
गढ़ा थाने के समीप स्थित सूजरताल तालाब को अब ढूढऩा पड़ रहा है। यहां अतिक्रमणकारियों ने तालाब को घेर लिया और घरों के सीवर टैंक तालाब की तरफ खोल दिए। हाईकोर्ट के आदेश पर कुछ समय पहले नगर निगम ने तालाब पहुंच के लिए मुख्य मार्ग से कब्जे हटाए थे परंतु कार्रवाई के बाद यहां मुख्य मार्ग से लेकर भीतर के क्षेत्र में भी कब्जे हो गए।
जिला प्रशासन द्वारा तालाबों का क्षेत्रफल, मौजूदा स्थिति, अतिक्रमण का सर्वे करके एक बुकलेट तैयार की जा रही है। नगर निगम के बजट में भी तालाबों के संरक्षण के लिए इस बार विशेष प्रावधान किया गया है। जिसमें तालाबों के रेनोवेशन,हनुमानताल, रानीताल, सूपाताल, इमरती ताल, संग्राम सागर सहित अन्य कई तालाब है जहां निरंतर सफाई अभियान चलाया जा रहा है। तालाबों का कैचमेंट एरिया व्यवस्थित करने के साथ ही अतिक्रमण हटाने की दिशा में कार्य किए जाएंगे। जिला प्रशासन व नगर निगम का ध्यान शहर के सभी तालाबों पर है। चरणबद्ध विकास कार्य किए जाएंगे।
- डॉ. इलैयाराजा टी, कलेक्टर