scriptसीएमएचओ के रिश्तेदार की मौत, गैलेक्सी हॉस्पिटल में मरीजों की भर्ती पर रोक- see video | CMHO relative Death in Galaxy Hospital, hospital service stopped | Patrika News

सीएमएचओ के रिश्तेदार की मौत, गैलेक्सी हॉस्पिटल में मरीजों की भर्ती पर रोक- see video

locationजबलपुरPublished: Apr 24, 2021 12:46:07 pm

Submitted by:

Lalit kostha

सीएमएचओ के रिश्तेदार की मौत, गैलेक्सी हॉस्पिटल में मरीजों की भर्ती पर रोक
 

corona_death.jpg

death photo

जबलपुर। गैलेक्सी हॉस्पिटल मरीजों की मौत की घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल में नए कोविड मरीजों को भर्ती करने पर रोक लगा दी है। अस्पताल से भर्ती मरीजों के सम्बन्ध में रेकार्ड भी कब्जे में लिए हैं। इस अस्पताल में लापरवाही के पहले भी मामले सामने आए हैं परंतु कार्रवाई नहीं हुई। मरीजों की मौत के बाद सीएमएचओ डॉ. रत्नेश कुररिया ने इस सम्बन्ध में निर्देश दिए हैं। डॉ. कुररिया के अनुसार रोक के बाद भी अस्पताल ने यदि मरीज भर्ती किए तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। जांच रिपोर्ट में अस्पताल की लापरवही उजागर होने पर पंजीयन निरस्त करने की कार्रवाई भी की जाएगी। गैलेक्सी अस्पताल ने हादसे से एक दिन पहले ही कोविड मरीजों के लिए 15 बिस्तर और बढ़ाने का आवेदन किया था।

पहले भी लापरवही पर नहीं हुई थी कार्रवाई
गैलेक्सी हॉस्पिटल में नए कोविड मरीज भर्ती करने पर रोक, रेकॉर्ड कब्जे में लिए

बैकअप ना होना और लापरवाही
जानकारों के अनुसार अस्पताल में जब आइसीयू में कोरोना मरीज भर्ती थे, तो ऑक्सीजन का पर्याप्त बैकअप रखना चाहिए था। इस मामले में अस्पताल की घोर लापरवाही है। ऑक्सीजन आपूर्ति की व्यवस्था में सेंट्रल ऑक्सीजन डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के वहां मीटर लगा होता है। इसमें ऑक्सीजन के प्रेशर की जानकारी प्रदर्शित होती है। मरीजों तक ऑक्सीजन पर्याप्त प्रेशर में पहुंच रहा है या नहीं यह देखने के लिए सेंट्रल सिस्टम के पास चौबीस घंटे स्टाफ होता है।

 

death.png

मौके पर नहीं पहुंचे अफसर
ऑक्सीजन की कमी को लेकर कोरोना मरीजों की मौत की जिले में कुछ ही दिनों के अंदर यह दूसरी घटना है। उसके बावजूद कलेक्टर-एसपी कहीं भी मौके पर तुरंत नहीं पहुंचे। अस्पतालों में गड़बडिय़ों का स्वयं पहुंचकर जायजा लिया। पीडि़तों और मृतकों के परिजनों से मिलकर व्यवस्थाओं में कमी जानने का प्रयास नहीं किया।

अलग-अलग बयान, गड़बडिय़ों का संदेह
– अस्पताल प्रबंधन ने घटना के समय तर्क दिया था कि ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाए गए थे। सिलेंडर लेकर आ रहा वाहन रास्ते में पंचर हो गया। इस कारण समय पर ऑक्सीजन नहीं पहुंच पायीं।
– ऑक्सीजन वितरण व्यवस्था के प्रभारी एसडीएम अनुराग तिवारी के अनुसार हॉस्पिटल के ऑक्सीजन डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम में गड़बड़ी हुई। माइक्रो सिलेंडर खराब होने से 20 मिनट तक ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित हुई। ऑक्सीजन की कमी ना हो इसलिए 45 सिलेंडर पहले दिए जा चुके थे।
– अस्पताल में कांग्रेस विधायक तरुण भनोत, लखन घनघोरिया और विनय सक्सेना पहुंचे और अस्पताल प्रबंधन से घटना पर जवाब मांगा। एसडीएम शाहिद खान की उपस्थिति में अस्पताल का रेकॉर्ड खंगाला तो रात में भर्ती मरीजों की जानकारी रजिस्टर में नहीं मिली।
– मरीजों की मौत और परिजनों की सूचना पर एनएसयूआइ के रघु तिवारी, युवक कांग्रेस के संदीप जैन, रविन्द्र गौतम अस्पताल पहुंचे। परिजनों के साथ अस्पताल के सामने विरोध पर बैठे। पुलिस से अस्पताल संचालक और डॉक्टरों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज करने कहा।
– अस्पताल का संचालन करने वालों में एक आर्थोपेडिक और एक डेंटिस्ट का नाम लिया जा रहा है। इसके अलावा सरकारी अस्पताल के दो डॉक्टर की अप्रत्यक्ष भागीदारी भी अस्पताल में बताई जा रही है। घटना के बाद कोविड उपचार के लिए अस्पताल की अनुमति की जांच की मांग भी हो रही है।

सीएमएचओ के रिश्तेदार की भी मौत हुई
अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने से मृत व्यक्तियों में अधारताल निवासी 45 वर्षीय अमित कुमार शर्मा, विजय नगर निवासी 47 वर्षीय देवेन्द्र कुररिया, नरसिंहपुर निवासी 65 वर्षीय गोमती राय, नरसिंहपुर निवासी 48 वर्षीय प्रमिला तिवारी, छिंदवाड़ा निवासी 46 वर्षीय आनंद शर्मा शामिल है। इसमें अमित कुमार शर्मा वीकल फैक्ट्री के कर्मी थे। ये जिले में कोविड नोडल अधिकारी एक चिकित्सक के परिजन बताए जा रहे है। देवेन्द्र कुररिया वेटरनरी डॉक्टर थे। जो जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रत्नेश कुररिया के रिश्तेदार बताएं जा रहे है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो