डिस्ट्रिक्ट वाॅटर टैस्टिंग लैबोरेटरी का खुलासा
आपको जानकर हैरानी होगी कि, शहर की करीब 15 लाख आबादी रोजाना कोलीफाॅर्म मिला हुआ पानी पी रही है, जो इतना घातक है कि धीरे-धीरे इसे पीने वालों को अंदर ही अंदर खोखला कर देती है। जांच में सामने आया कि, शहरवासियों को रोजा़ना सप्लाई किया जाने वाला पानी इतना गंदा भी है कि, शायद उसे देखने के बाद कोई पीना भी पसंद ना करे। जांच टीम ने शहर के अलग-अलग स्थानो से करीब 100 से ज्यादा सेंपल एकत्रित किए, इन सभी सैंपल की गुणवत्ता जांच में सामने आया कि, इन सभी सैंपलों का पानी एकदम काला पड़ गया। कई सैंपलों में तो बैक्टेरिया भी स्पष्ट नज़र आने लगे। सैंपलों की जांच के बाद उसे शहर के पीएचई विभाग की डिस्ट्रिक्ट वाॅटर टैस्टिंग लैबोरेटरी में चेक कराया गया तो, सामने आया कि, ज्यादातर सैंपलों में काॅलीफोर्म की मात्रा तय प्रतिशत से हजार गुना ज्यादा थी। इसके अलावा कई सैंपलों में ई कोली बैक्टेरिया की भी भारी मात्रा पाई गई।
जिम्मेदार नहीं दिख रहे गंभीर
इस संबंध में जब संबंधित अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई तो, उन्होंने जवाब ना देते हुए भाग निकलने में ही भलाई समझी। एक हिन्दी वेबसाइट द्वारा जबलपुर महापौर से इस संबंध में पूछे गए सवाल पर बात करने से ही मना कर दिया। वहीं भाजपा विधायक इंदु तिवारी ने कहीं ना कहीं ये माना कि, शहर का पानी दूषित है।उनका कहना है कि, लंबे समय उनका परिवार भी कई तरह की बीमारियों से ग्रस्त है। उन्होंने कहा कि, जल्द ही वो खुद भी अपने घर के पानी की जांच कराएंगे। आश्वासन तो ठीक है, लेकिन विधायक जी के बयान से यह भी स्पष्ट होता है कि, क्या उन्हें शहर के सौ स्थानों से लिए सैंपल पर विश्वास नहीं हैं, या फिर जब बात उनके घर तक पहुंच जाएगी तभी कोई मुस्तैदी दिखाएंगे। अब देखना ये है कि, जिम्मेदार इस गंभीर विषय पर कब चिंतन करते हैं, और शहर को कब इस जहरीले पानी से निजात मिलती है?
इतना घातक है काॅलीफोर्म युक्त पानी
-काॅलीफाॅर्म एक बेहद हानीकारक बैक्टेरिया हे जो शरीर के अंदर जाकर कई घातक बिमारियों को जन्म देता है। ये बेक्टीरिया जानवारों के शरीर में पाया जाता है।
-शरीर में काॅलीफाॅर्म की अधिक मात्रा होने से बुखार , किडनी डैमेज, हयूमन बाॅडी मैलफंक्षनिंग जैसी कई घातक बिमारियों का सामना करना पड़ता है।
-इस बैक्टीरिया से शरीर का इम्यून सिस्टम नष्ट हो जाता है। छोटी से छोटी बीमारी शरीर में आसानी से प्रवेश करके अपने पैर फैला लेती है। पीड़ित व्यक्ति की धीरे धीरे रोग प्रतिरोधक क्षमता खत्म होने लगती है।