जबलपुर। बिजली दर बढ़ाने की याचिका आम लोगों और संगठनों के भारी विरोध के चलते वापस ले ली गई है। बिजली कंपनियों द्वारा 1 अप्रैल 2022 से बिजली की दरें 10 फीसदी तक बढ़ाने की याचिका दायर की गई थी। दबाव बढऩे पर आयोग द्वारा याचिका रदद कर दिए जाने के बाद अब विद्युत दर बढ़ाने की कवायद नए सिरे से करनी होगी। जानकारों के अनुसार विवाद की जड़ आयोग में दायर याचिका रही जो कि संबंधित रेगुलेशन मध्यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशित तिथि 3 दिसंबर 202१ के पहले 30 नवंबर को प्रस्तुत की गई थी जो कि पूर्णत: अर्थहीन और भ्रमित करने वाली थी। इस पर आयोग ने भी बिना विचार किए याचिका स्वीकार कर ली गई जिसे लेकर बिजली जानकारों द्वारा कड़ी आपत्ति दर्ज की गई थी। बिना सोचे लिया निर्णय पड़ा भारी इस संबंध में सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता एवं जानकार राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि दरअसल मप्र गजट नोटिफिकेशन में अधिनियम ३ दिसंबर को पारित हुआ है फिर कैसे इसके पहले याचिका लगाई जा सकती है। इसे लेकर आपत्ति दर्ज की गई थी। आयोग के चेयरमैन एसपीएस परिहार, मेंबर मुकुल धारीवाल ने बिजली दर बढ़ाने की याचिका को रदद करने के आदेश भी जारी कर दिए हैं। 8 फरवरी से होनी थी सुनवाई गौरतलब है कि नियामक आयोग ने इसके लिए बकायदा आम सूचना भी प्रकाशित कर दी गई। 21 जनवरी तक आपत्तियां भी मंगाई गई थी। 8 फ रवरी से 10 फ रवरी तक जन सुनवाई निर्धारित कर दी गई थी। सुनवाई को लेकर बकायदा उच्च न्यायालय में भी केविएट भी दायर की गई थी। अब याचिका को रदद करने के साथ ही दोबारा से तैयारी करने के निर्देश दिए हैं।