उखरी तिराहे पर जबलपुर पब्लिकेशन का कार्यालय है। पब्लिकेशन के नाम से दो महीने पहले शहर में घर बैठे चार हजार रुपए कमाने का ऑफर वाला पर्चा बंटवाया गया था। इसे पढ़कर कई लोग पब्लिकेशन से जुड़े। इन्हें बताया गया कि पब्लिकेशन की ओर से ब्रेल लिपी में किताबें तैयार की जा रही हैं। ढाई हजार रुपए जमा करने पर पब्लिकेशन की ओर से सौ पेज का किट दिया जाएगा। इन किताबों में निर्धारित आकार में अक्षर लिखकर लाने पर 15 दिन बाद चार हजार रुपए दिए जाएंगे। यदि कोई किसी और व्यक्ति को जोड़ेगा तो उसे पांच सौ रुपए का कमीशन भी मिलेगा। इस ऑफर के लालच में आकर कई लोगों ने पब्लिकेशन ज्वाइन कर लिया। हजारों की संख्या में बेरोजगार युवक-युवतियों और महिलाओं ने पब्लिकेशन से जुड़कर फायदा कमाने के लिए ढाई-ढाई हजार रुपए जमा किए। सोमवार रात को सूचना फैल गई कि पब्लिकेशन कंपनी फर्जी है। लोगों के रुपए लेकर पब्लिकेशन कंपनी के भागने की सूचना पाकर ढाई-ढाई हजार रुपए जमा करने वाले हजारों लोग उखरी तिराहा के पास स्थित पब्लिकेशन कार्यालय के सामने सड़क पर जमा हो गए। पब्लिकेशन कार्यालय में ढाई हजार रुपए जमा करने वाली कुछ महिलाओं ने बताया कि कंपनी वालों ने दृष्टिहीनों के लिए उपन्यास लिखने की जानकारी दी थी। ढाई हजार रुपए जमा करने पर ज्वाइनिंग नंबर की रसीद के साथ सौ पेज का किट देते थे। ऐसे करीब 10 हजार से ज्यादा लोगों का रुपया पब्लिकेशन कंपनी में जमा होने की बात सामने आयी है। पुलिस ने लोगों की शिकायत पर पब्लिकेशन कंपनी के कामकाज को लेकर जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि कंपनी का संचालक शानू है। पुलिस अधिकारियों ने फोन पर संचालक से बातचीत की। उसने सतना में होने और जबलपुर आने की जानकारी दी है। पुलिस ने हंगामे के बाद पब्लिेशन कार्यालय के दो कर्मियों को बुलाया। कुछ लोगों के जमा रुपए वापस कराए।