पुलिस के अनुसार चार फरवरी को बालिका को पेट में दर्द होने पर परिजन निजी अस्पताल ले गए। वहां चिकित्सक को संदेह हुआ। उसने सोनोग्राफी कराई। बालिका चार महीने की गभर्वती निकली। परिजन उसे लेकर घर पहुंचे। पूछताछ में उसने क्षेत्र के ही एक नाबालिग का नाम बताया। इसके बाद परिजन थाने पहुंचे। सीएसपी गोहलपुर अखिलेश गौर ने बताया कि बालिका की उम्र की पुष्टि के लिए मार्कशीट बुलाई गई है। आरोपी फरार है। मामले में डीएनए जांच भी कराई जाएगी। यह वीभत्स वारदात सामने आने के बाद लोग सकते में हैं। बलात्कार पीडि़त बालिका खेलने-पढऩे की उम्र में जो दर्द सह रही है, उससे समाज पर सवाल खड़े हो रहे हैं। आखिर उस बच्ची को किस गलती की सजा मिली है? दरिंदा हैवानियत करने के बाद भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। मासूम बालिका जीवन भर का दर्द सहने को मजबूर है। उसके परिजन अब बालिका की जिंदगी को लेकर परेशान हैं। उनकी समझ में नहीं आ रहा है कि करें तो आखिर क्या करें? फिलहाल पुलिस कह रही है कि आरोपी भी नाबालिग है। लेकिन, उसके खिलाफ सख्त केस डायरी बनाई जाएगी।