जो राम का नहीं, वो काम का नहीं
आचार्य कृष्णम ने कहा कि सत्य को परेशान किया जा सकता है, लेकिन उसे पराजित नहीं किया जा सकता। हमें इन्हें दिखाना है तुम हमारी ही दम पर थे। इसलिए ये जरुरी हो गया है इनको आईना दिखाया जाए। बीजेपी 2014 के लोक सभा चुनाव में पूर्ण बहुमत से आई। सरकार बनाने के लिए ये राम मंदिर बनाने की बात करते थे, लेकिन सरकार बनने के बाद ये राम को ही भूल गए। जो राम का नहीं, वह हमारे भी किसी काम का नहीं…।
वादा करके भूल
कृष्णम ने कहा कि सभी संतों कांग्रेस का समर्थन करना चाहिए। लोकतंत्र में जो छोटे-छोटे कंकड़ होते हैं, वही सिर फोडऩे के काम आते हैं। कांग्रेस की सरकार आती है तो प्रत्येक गाँव में गौ शाला बनाएंगे। गौ संवर्धन करेंगे। दुर्भाग्य है कि देश में गौ रक्षा का कानून नहीं बना सका, गंगा सफाई, धारा 370 और कॉमन सिविल कोर्ट की बात करते थे, सारे वादे वादे ही रह गए..यदि हमारी चले तो कंप्यूटर बाबा को इस देश का प्रधानमंत्री बना दें। इस अवसर पर कम्प्यूटर बाबा ने भी बीजेपी पर खुलकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ऐसी सरकार को बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए।
नर्मदा को बेचने का आरोप
नर्मदे संसद का शुभारंभ मां नर्मदा के पूजन और मंत्रोच्चार से हुआ। आचार्य नवीन ने कलश पूजन कराया। इसके बाद सभा में संतों ने कहा कि किसी की भी ज्यादा उंचाई नुकसानदेह होती है। मौजूदा सरकार भी इतनी हाइट पर पहुंच गई है कि हम सब के लिए नुकसानदायक है। संतों ने आरोप लगाते हुए कहा कि नर्मदा स्वच्छता की बात कर नर्मदा पुत्र कहलाने वाला नेता ही नर्मदा को बेचने का काम करता रहा। इसकी पोल खोलने कंप्यूटर बाबा ने यात्रा निकलने का निर्णय लिया तो मुख्यमंत्री ने सच्चाई को छुपाने का प्रया किया और कम्प्यूटर बाबा से ये कहकर राज्यमंत्री बना लिया कि नर्मदा स्वच्छता की जिम्मेदारी आप संभालेंगे। पर ऐसा नही करने दिया, आखिरकार बाबा ने अपना पद व उनका साथ छोड़ दिया अब नर्मदा की रक्षा के लिए ही नर्मदे संसद का आयोजन किया है।
योगी जैसा नेता बनाएंगे
स्वामी वैराज्ञानंद गिरी व नवीनानंद ने कहा कि हम मारीच मामा का विरोध कर रहे हैं। लेकिन पहले यह भी तय करना होगा कि चंद्रगुप्त कौन होगा। भाजपा ने एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन का विधेयक लाकर संतों व सवर्ण समाज का भी अपमान किया है। हिन्दुत्ववादी सोच के कारण अब तक सभी संत भाजपा का साथ देते हैं लेकिन अब केवल विरोध करेंगे। यूपी जैसा माहौल बनाएंगे, ताकि योगी जैसे सीएम बन सकें। सभा में क्षेत्र का कोई प्रतिष्ठित संत नजर नहीं आया। इसमें ज्यादातर नागा साधु, बैरागी व बाबा ही नजर आए। इसमें ज्यादातर नागा साधु, बैरागी व बाबा ही नजर आए। इस लिहाज से बाबा के शो का सफल नहीं माना जा रहा है।