पत्रकारों से चर्चा में कम्प्यूटर बाबा ने कहा कि नर्मदा नदी में जो अवैध उत्खन्न का कार्य हो रहा है यह शिवराज सरकार की देन है। उनके कारण ही भारी तादाद में नर्मदा नदी में रेत खनन का सिलसिला चलता रहा। सरकार बदलने के बाद भी उनसे जुड़े हुए लोग अवैध उत्खन्न करने में लगे हुए हैं। अब कमल नाथ की सरकार है हम किसी भी हालत में नर्मदा नदी में अवैध तरीके से रेत की निकासी नहीं होने देंगे। हम घाटों पर जाकर स्थिति का अवलोकन कर रहे हैं, जहां जो पकड़ में आ रहा है उसको पकडऩे की कार्रवाई की जा रही है। नर्मदा नदी के घाटों की स्थिति देखने के बाद मुख्यमंत्री कमल नाथ से चर्चा करके आगे रणनीति तैयार की जाएगी, ताकि नर्मदा नदी में अवैध उत्खन्न पर रोक लग सके।
कम्प्यूटर बाबा नर्मदा तटों का दौरा करते हुए शनिवार को नर्मदा नदी के सांकल घाट पहुंचे तो इस घाट पर कुछ नहीं मिला, लेकिन जबलपुर जिले के बेलखेड़ा पुलिस थाना के पावला घाट पर एक खोह में पोकलेन नजर आई। वहीं पर एक हाइवा भी खड़ा हुआ था। नजारे को देख बाबा ने सांकल घाट पर चलने वाली नौका को बुलवाया और उस पर सवार होकर सांकल घाट से दूसरे घाट के लिए रवाना हुए। वहां खड़े हाइवा को चालक मौके से लेकर फरार हो गया, लेकिन पोकलेन जप्त कर ली गई।
नाव से पहुंचे उस पार
गोटेगांव के सांकलघाट सीमा से कम्प्यूटर बाबा नर्मदा नदी के दूसरे तट पर नाव से पहुंचे और वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी मिलने पर जबलपुर जिले के अधिकारी पावला घाट पहुंचे और उनके सामने ही पोकलेन मशीन को बाबा ने जप्त कराने की कार्रवाई की। यहां से बाबा नौका से वापस सांकलघाट लौट कर आए और अपने सहयोगियों के साथ नर्मदा नदी के बुधगांव, गगई और झांसीघाट पहुंचे।
रेत के पहाड़ देख दंग रह गए कम्प्यूटर बाबा
कम्प्यूटर बाबा सांकलघाट से बुधगांव घाट पहुंचे। यहां पर भारी तादाद में रेत का उत्खन्न का अवलोकन किया। इसी प्रकार गगई और झांसीघाट अधिकारियों के साथ पहुंचे, लेकिन यहां पर कोई भी मशीन नजर नहीं आई क्योंकि उनके आने की सूचना मिल जाने पर इधर-उधर छुपा दी गई थी। सांकलघाट से गोटेगांव सडक़ मार्ग से आने पर रास्ते में जगह-जगह पर रेत के पहाड़ अवश्य नजर आए। उन रेत के पहाडों को देख कर वह दंग रह गए। यहां पर एकत्रित की गई रेत हाल ही में डाली गई थी जो गीली थी। इन रेत के पहाडों को देख कर कम्प्यूटर बाबा ने अनुमान लगा लिया कि नरङ्क्षसहपुर जिले में किस तरह नर्मदा नदी का दोहन हो रहा है और पानी के अंदर से रेत की निकासी की जा रही है।