जबलपुरPublished: Oct 17, 2023 01:03:07 pm
Ashtha Awasthi
जबलपुर। साल 1993 तक कांग्रेस का गढ़ रही केंट विधानसभा में पार्टी पिछले 30 साल से जीत का सूखा खत्म करने के प्रयास में हैं। इसके लिए कांग्रेस ने कई प्रयोग भी किए लेकिन सफल नहीं हो सके। उल्लेखनीय है कि 1972 से 1993 तक यह कांग्रेस का गढ़ रही।
1993 में भाजपा ने पहली बार चखा जीत का स्वाद
1993 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पहली बार यहां जीत का स्वाद चखा। यहां ईश्वरदास रोहाणी ने कांग्रेस प्रत्याशी चंद्रमोहन को हराकर केंट में जीत का परचम लहराया। इसके बाद वे लगातार चार बार इस सीट से विधायक चुने गए। विधानसभा अध्यक्ष भी रहे। उनके निधन के बाद 2013 से यहां उनके पुत्र अशोक रोहाणी दो बार से निर्वाचित हो रहे हैं। 1972 से लेकर 2023 के बीच हुए यहां 11 चुनाव में पांच कांग्रेस ने छह में भाजपा ने जीत दर्ज की है।