स्थानीय सर्किट हाउस में मीडिया से मुखातिब दिग्गज कांग्रेस नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह बोले भाजपा आदिवासियों की हितैषी हो ही नहीं सकती। उन्होंने नेमावर की घटना का उल्लेख किया और कहा कि वहां तीन आदिवासी, युवक, युवती और उसकी मां को मार कर जमीन में दफना दिया गया। आदिवासी समाज और हम लोग (कांग्रेस) अगर आवाज बुलंद न करते तो मामला रफा-दफा कर दिया गया होता। उन्होंने आरोप लगाने वाले लहजे में कहा कि उन आदिवासियों को मारने वाला कौन भाजपा का, बचाने कौन पहुंचे थे, कृषि मंत्री कमल पटेल, भाजपा के।
पूर्व सीएम ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी नहीं छोड़ा, कहा कि, शिवराज सिंह जी उर्फ मामा उर्फ मामू के विधानसभा क्षेत्र में बैतूल का एक आदिवासी परिवार धान काटने पहुंचा था। मामू के परिवार के एक व्यक्ति ने उस परिवार की महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की। उसने विरोध किया, तो उसे पकड़ कर ले गए। बोल दिया कि सांप ने काट लिया। उसका पीएम तक नहीं होने दिया। उसकी पत्नी की शिकायत पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई, क्यों? उन्होंने कहा कि भाजपा के लोगों का चरित्र है आदिवासियों का शोषण करना।
उन्होंने पिछले दिनों शंकरशाह-कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर भाजपा के आयोजन का उल्लेख करते हुए कहा कि शंकरशाह-कुंवर रघुनाथ शाह के वंशज और प्रदेश सरकार के वन मंत्री विजय शाह को मालगोदाम में और फिर मंच पर जगह न देकर अपमानित किया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अगर ऐसा करने वालों को मंच पर जगह देते हैं, तो मान लिया जाएगा कि ये बिरसा मुंडा के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। उनका आदिवासियों से कोई लेना देना नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने ही आजादी के बाद सबसे अधिक आदिवासियों को लाभ पहुंचाया। चाहे वो आदिवासियों को संविधान में अधिकार देने का मसला हो या डीजल-पेट्रोल व गैस एजेंसी व जमीन का आवंटन चाहे आरक्षण के लाभ का सवाल हो, कांग्रेस ने ही दिया। उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा आदिवासियों की जमीन पर कब्जा किसने किया? उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री पर भी सवाल उठाए और कहा कि पन्ना की आदिवासी महिलाओं ने मिलने का समय मांगा था, लेकिन वो नहीं दे सके।
कांग्रेस नेता ने भाजपा को आदिवासियों का शोषण करने वाली पार्टी करार दिया। इस मौके पर उन्होंने विदिशा मेडिकल कॉलेज में आदिवासी सीटों को डी-रिजर्व करते हुए जनरल श्रेणी में भरने के मसले पर सवाल खड़ा किया। कहा कि आदिवासी समाज पर देश में सबसे अधिक अत्याचार एमपी में होता है। ये एनसीआरबी की रिपोर्ट कहती है, लेकिन ये सच का एक तिहाई हिस्सा है। पूरा सच तो ये है कि दो तिहाई अपराध दर्ज ही नहीं किए जाते।
इसी क्रम में उन्होंने सीधी का मसला भी उठाया और कहा कि बीजेपी के एक नेता आदिवासियों की जमीन पर कब्जा कर उस पर अपना नाम चढवा लिया। पन्ना में प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की नुमाइंदगी करने वाले खुन्ना महाराज उर्फ त्रिवेदी परिवार ने आदिवासियों की बेशकीमती जमीन की फर्जी रजिस्ट्री कराकर धोखा दिया। कहा कि वो लोग जिस आदिवासी हीरालाल से 90 लाख रुपए में रजिस्ट्री कराने की बात करते हैं, वो एक कमरे के कच्चे मकान में रहता है। कहा कि ये तो महज नजीर है, ऐसे तमाम मसले और भी हैं।
सलमान खुर्शीद की पुस्तक पर बैन लगाने संबंधी बयान पर तंज कसते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का किताब और पढ़ाई लिखाई से कोई सरोकार नहीं है। इस मौके पर उन्होंने हिंदू और हिंदुत्व पर छिड़ी बहस पर कहा कि उनसे अच्छा हिंदू कौन है? भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि उसके लिए हिंदू धर्म व आस्था का विषय नहीं बल्कि राजनीतिक हथियार है।