यह है मामला
जीसीएफ इस्टेट निवासी श्रीकांत बाजपेयी की ओर से अदालत में परिवाद पेश कर कहा गया कि 2006 में सैनिक सोसायटी स्थित 5.5 एकड़ जमीन के सम्बंध में बिल्डर अमरेश श्रीवास्तव ने उन्हें छह लाख 34 हजार रुपए दिए। इसके एवज में उनसे 11 लाख रुपए के चेक लिए। लेकिन, 2011 में सौदे से इंकार कर दिया। परिवादी ने बिल्डर से ली गई रकम के एवज में उसे 11 लाख रुपए वापस कर दिए। इसके बावजूद बिल्डर पिता-पुत्र ने उसके अमानती चेक बाउंस होने की झूठी शिकायत करते हुए अदालत में केस दायर कर दिया। अधिवक्ता राजकुमार सोनी, दिनेश नायडू ने तर्क दिया कि यह केस अदालत ने खारिज कर दिया। इस पर बिल्डर्स पिता-पुत्र व विनय सक्सेना के खिलाफ यह परिवाद पेश किया गया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने विधायक विनय सक्सेना को निर्दोष पाकर उनके खिलाफ आरोप निरस्त कर दिए। शेष दोनों आरोपियों के खिलाफ भादंवि की धारा 420, 120 बी के तहत प्रकरण दर्ज करने का आदेश दिया।