एक बूते चल रहा था अस्पताल
सौ बिस्तरों के सिहोरा सिविल हॉस्पिटल में बीते छ माह से रात्रिकालीन सेवाए पूरी तरह ठप्प थीं। केवल एक डॉक्टर के भरोसे पूरा हॉस्पिटल चल रहा था। सिहोरा अंचल की तीन लाख से अधिक जनता डॉक्टर नही होने से इलाज के लिए परेशान थी। पीडि़तों को अस्पताल में उचित उपचार उपलब्ध नहीं हो रहा था।
क्रमिक हड़ताल पर थे लोग
अस्पताल में अव्यवस्थाओं को लेकर कांग्रेस पार्टी ने सोमवार से सिहोरा बस स्टैंड में क्रमिक भूख हड़ताल अनशन आंदोलन शुरू कर दिया था। तीन दिनों तक चले क्रमिक भूख हड़ताल आंदोलन के बाद आखिरकार प्रशासन को झुकना पड़ा। लंबी चर्चा के प्रशासनिक अधिकारियों ने आंदोलनकारियों की कई मांगों को स्वीकार कर लिया। डॉक्टरों की ज्वाइनिंग के आदेश भी तत्काल जारी कर दिए।
तहसीलदार पहुंची धरना स्थल
सिहोरा तहसीलदार नीता कोरी और टीआई संजय दुबे शाम 6 बजे सिहोरा बस स्टैंड में चल रहे क्रमिक भूख हड़ताल अनशन स्थल पर पहुंचे। उन्होंने कांग्रेसी नेताओं को जानकारी दी कि हॉस्पिटल में तीन डॉक्टर, एक महिला चिकित्सक की ज्वानिंग कर दी गई है। रात में ओपीडी चालू रहेगी। हॉस्पिटल में रात में पुलिस पॉइंट बनाने निर्देश कर दिया गया है। हॉस्पिटल के पास आवंटीत भूमि हटाकर डॉक्टर के लिए कॉलोनी बनाने की प्रकिया प्रारम्भ की जा रही है। लिखित जानकारी देने के बाद आन्दोलकरी खुशी से झूम उठे।
पूर्व मंत्री ने जूस पिलाकर तुड़वाया अनशन
धरना स्थल पर पूर्व मंत्री मंजू राय ने क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे प्रभात कूररिया, जीतेन्द्र श्रीवास्तव सहित तीन अन्य को जूस पिलाकर अनशन समाप्त कराया।