अचानक तेज बहाव में गहराई में चले गए तीनों
करीब पौने नौ बजे तीनों नदी में गिर गए। प्रशांत और सचिन किसी तरह बाहर आग गए, लेकिन शुभम डूब गया। प्रशांत और सचिन ने शोर मचाकर लोगों को बुलाया, तब तक तक काफी देर हो चुकी थी। नाविक कल्लू बर्मन ने प्रशांत और सचिन को घाट पर छोड़ा। आसपास के अन्य नाविकों ने अपने स्तर पर शुभम की तलाश शुरू की, लेकिन वह नहीं मिला। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।
हादसे की सूचना पर बैतूल से रवाना हुए पिता
शुभम घर पर अकेला था। उसके पिता महेश ठाकुर बैतूल में चुनाव ड्यूटी पर गए थे। हादसे की सूचना पर वे जबलपुर के लिए रवाना हुए। शुभम का बड़ा भाई मनोज, मां दुर्गा और छोटी बहन साक्षी एक मई को वैवाहिक कार्यक्रम मेंं शामिल होने नरसिंहपुर स्थित गांव गए थे। हादसे की सूचना पर वे भी नरसिंहपुर से घाट पर पहुंचे।