शहर में जहां चौराहे-तिराहे पर बार-बार हादसे हो रहे हैं। एेसे स्थलों को चिह्नित कर इनकी खामियों के बावत निगम को सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में बताया जाता है।
-अमृत मीणा, एएसपी ट्रैफिक
जबलपुरPublished: Aug 12, 2019 01:42:02 am
shyam bihari
जबलपुर शहर में कई स्थानों पर बेतरतीब और रोड इंजीनियरिंग को दरकिनार कर किया निर्माण
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चौराहे-तिराहे पर ये हैं खतरा
-सड़क में लगातार डिवाइडर नहीं बनाया जाना।
-मुख्य सड़क पर आवारा मवेशियों की मौजूदगी और वाहनों की तेज रफ्तार भी हादसे की वजह
-सड़क के मोड़ या यू-टर्न पर साइन बोर्ड नहीं है।
-बस्ती की सड़क जुडऩे वाले स्थान पर जेब्रा क्रासिंग नहीं है।
-मुख्य सड़क का ऊंचा-नीचा होना।
यह करना होगा
-ऊंची-नीची सड़क की सरफेसिंग का काम।
-खतरनाक मोड़ पर 50 से 100 मीटर आगे संकेतक (साइन बोर्ड) लगाने होंगे।
-मुख्य सड़क पर निर्धारित स्थान पर ही यू-टर्न बनें।
-बस्ती की सड़कें जुडऩे वाले स्थान से पहले जेब्रा क्रासिंग बनाना होगी।
-वाहनों की रफ्तार को नियंत्रित करना होगा।
जबलपुर। शहर में कई प्रमुख चौराहे व तिराहे पर बने रोड डिवाइडर हादसे की वजह बन रहे हैं। मोड़ या कट पर बने इन डिवाइडरों की बनावट एसी है कि अक्सर वाहन चालक धोखा खा जाते हैं और वाहन डिवाइडर पर चढ़ जाते हैं। पत्रिका ने शहर में एेसे प्रमुख चौराहे व तिराहे पर बने कई रोड डिवाइडरों की पड़ताल की तो उनकी खामियां सामने आयी हैं।
नगर निगम की ओर से बनाए जा रहे रोड डिवाइडरों के निर्माण में रोड इंजीनियरिंग और ट्रैफिक नियमों का ध्यान नहीं दिया गया। कई जगह टर्न पर रोड डिवाडरों का निर्माण सीधा कर दिया गया है, अक्सर वाहन चालक गफलत में डिवाइडर से टकरा जाते हैं। जहां एक से अधिक मार्ग कटे हैं वहां भी इस तरह डिवाइडरों की भूल-भुलैया हैं।
यहां आए दिन हो रहे हादसे
बिरमानी पेट्रोल पम्प
सदर स्थित बिरमानी पेट्रोल के पास भैंसासुर और सदर जाने के मार्ग विभाजन के लिए डिवाइडर बना है। कटंगा से सदर की ओर मुडऩे वाले वाहन अक्सर यहां डिवाइडर से टकरा जाते हैं। यहां हर दूसरे दिन हादसा होता है।
ये है खामी
– संकेतक बोर्ड नहीं लगा
-डिवाइडर पर रेडियम पट्टी नहीं लगी
-रात में लाइट नहीं जलती
बंदरिया तिराहा
ग्वारीघाट, कटंगा, गोरखपुर को जोडऩे वाले इस तिराहे पर ट्रैफिक की अनुशंसा पर सिग्नल लगाए गए हैं। डिवाइडर निर्माण चल रहा है। ये तिराहा भी टर्न पर है। ग्वारीघाट से कटंगा जाने वाले वाहन यहां डिवाइडर से टकरा जाते हैं।
ये है खामी
-मोड़ के विपरीत बने डिवाइडर
-वाहनों की रफ्तार नियंत्रित का इंतजाम नहीं
-डिवाइडरों पर रेडियम पट्टी या संकेतक नहीं लगे
एमआर-फोर रोड
यादव कॉलोनी से एमआर-फोर रोड पर बीच में नए डिवाइडर बनाए गए हैं। कई जगह डिवाइडर की ऊंचाई कम है। इन डिवाइडरों पर वाहन चढऩे का खतरा है।
ये है खामी
-डिवाइडर के बीच में पौधे नहीं लगे
-रात में सामने वाहने के वाहन की लाइट सीधी पड़ती है
-रोड पर लाइटिंग की पर्याप्त व्यवस्था नहीं
छोटी लाइन फाटक
शास्त्रीब्रिज से छोटी लाइन फाटक चौराहे पर उतरते समय रोटरी को जोड़ते हुए बने डिवाइडर पर अक्सर वाहन चालक टकरा जाते हैं। यहां हल्का मोड़ है, जबकि डिवाइडर की डिजाइन सीधी है। उस पर भी रेडियम या संकेतक नहीं लगे।
ये है खामी
-पुल से उतरने वाली साइड के अतिक्रमण नहीं हटे
-डिवाइडर को सी आकर में टर्न न देना
-कोई संकेतक बोर्ड न लगाना
शहर में जहां चौराहे-तिराहे पर बार-बार हादसे हो रहे हैं। एेसे स्थलों को चिह्नित कर इनकी खामियों के बावत निगम को सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में बताया जाता है।
-अमृत मीणा, एएसपी ट्रैफिक