यह है मामला
भानतलैया निवासी देवराज सोनकर ने फोरम में परिवाद दायर कर कहा कि सिंधी कैंप में उसकी होलसेल की दुकान व उससे 400 मीटर दूर निर्माण इकाई है। उसने न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी से अपनी फर्म का दुर्घटना बीमा कराया था। 13 जून 2011 को उसके प्रतिष्ठान व निर्माण इकाई में आग लग गई। जिससे लाखों की क्षति हुई। उसने बीमा राशि के भुगतान के लिए दावा किया। लेकिन कंपनी ने खारिज कर दिया। अधिवक्ता अरुण कुमार जैन, विक्रम जैन ने तर्क दिया कि बीमित फर्म की निर्माण इकाई भले ही कार्यालय से दूर हो, वह बीमा के अंतर्गत कवर होती है। तर्क से सहमति जताते हुए कोर्ट ने बीमा कंपनी को सेवा में कमी का दोषी पाकर दावे की रकम सात लाख रुपए व मुआवजा देने का आदेश दिया।