कचनार सिटी, विजय नगर निवासी परी रजानी की ओर से कहा गया कि उसने इंश्योरेंस कंपनी से हेल्थ पॉलसी ली थी। पॉलसी 28 अगस्त 2018 तक के लिए वैध थी। पेट में दर्द होने के कारण परिवादी ने एक निजी हॉस्पिटल में दिखाया। डॉक्टर ने पेट में इंफेक्शन की जानकारी दी। भर्ती होकर इलाज कराने को कहा। उसने भर्ती होकर इलाज शुरू कराया और इसकी सूचना बीमा कंपनी को दे दी । इसके बावजूद बीमा कंपनी ने भुगतान नहीं किया। इसलिए परिवादी ने रिश्तेदारों से कर्ज लेकर अस्पताल का बिल चुकाया। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने माना कि बीमा कंपनी ने सेवा में कमी की।