scriptबढती सड़क दुर्घटनाओं पर High Court में दायर होगी अवमानना याचिका | Contempt petition will be filed in HC on increasing road accident | Patrika News

बढती सड़क दुर्घटनाओं पर High Court में दायर होगी अवमानना याचिका

locationजबलपुरPublished: Oct 11, 2021 04:33:40 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-मध्य प्रदेश शासन, पुलिस और परिवहन विभाग को भेजा अवमानना नोटिस-सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश को High Court पहले ही जारी कर चुका है दिशानिर्देश

सड़क दुर्घटना में जबलपुर सूबे में अव्वल

सड़क दुर्घटना में जबलपुर सूबे में अव्वल

जबलपुर. आए दिन होने वाली सड़क दुर्घटनाएं अब लोगों को सालने लगी हैं। ऐसे में अब नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने इस मसले पर High Court में अवमानना याचिका दायर करने का फैसला किया है। इससे पहले मध्य प्रदेश शासन, पुलिस और परिवहन विभाग को अवमानना नोटिस भेजा है।
नागरिक उपभोक्ता मंच के सदस्यों ने मध्य प्रदेश शासन और पुलिस प्रशासन पर हाई कोर्ट के आदेश की अवमानना का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया है कि इसे गंभीरता से लेते हुए उपभोक्ता मंच के प्रांतीय संयोजक मनीष शर्मा ने प्रमुख सचिव गृह विभाग, डीजीपी पुलिस मध्य प्रदेश, तथा प्रमुख सचिव परिवहन विभाग को अवमानना का नोटिस भेजा है।
मंच के सदस्यों का कहना है कि 2016 में मंच के प्रांतीय संयोजक शर्मा ने हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर प्रदेश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं और उससे होने वाली मौत पर अंकुश लगाने को रोड सेफ्टी पॉलिसी लागू करने और उसे क्रियान्वित करने का निवेदन किया था। इस पर 2017 में हाई कोर्ट ने विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए थे। उपभोक्ता मंच के प्रांतीय संयोजक बताते हैं कि प्रदेश में भोपाल, इंदौर और ग्वालियर की तुलना में जबलपुर सड़क दुर्घटनाओं के मामले में सूबे में अव्वल है। बताया कि 2020 में प्रदेश में इन चारों शहरों में 12,176 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 1,285 लोगों की जान चली गई जबकि 10,500 व्यक्ति घायल हुए।
आंकड़ों के अनुसार जबलपुर में 3,226 दुर्घटनाएं 422 मौत, 357 घायल हुए, जबकि राजधानी भोपाल में 2,295 दुर्घटनाओं में 237 मौत, इंदौर में 3,036 दुर्घटनाएं 459 मौतें तथा ग्वालियर में 1,799 दुर्घटनाओं में 316 मौत दर्ज की गईं। ऐसे में औसतन जबलपुर में प्रत्येक दिन लगभग नौ दुर्घटनाएं हुई जबकि हर तीसरे दिन चार मौतें दर्ज की गई। इस हिसाब से जबलपुर प्रदेश में अव्वल है।
उपभोक्ता मंच के राकेश चक्रवर्ती, प्रफुल्ल सक्सेना,आश्रिता पाठक, अरविंद स्थापक, पवन कौरव, अभिषेक मेहरा, धनंजय मजूमदार, सज्जाद अली ,पूजा झारिया, सुनंदिनी शर्मा, अर्जुन सिंह परिहार आदि सदस्यों ने मीडिया को बताया है कि याचिका में दिए गए दिशा निर्देशों का पालन शासन-प्रशासन ने नहीं किया जिसके चलते दुर्घटनाएं बढ़ीं। अब ये आंकड़े साबित करते हैं कि यह सीधे-सीधे हाई कोर्ट की अवमानना है। इस संबंध में मध्य प्रदेश शासन तथा पुलिस और परिवहन विभाग को अवमानना का नोटिस भेजा गया है। साथ ही तय किया गया है शीघ्र हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की जाएगी।
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