कोरोना संकट ने किया एकजुट, मिलकर निपट रहे मुश्किल से
जबलपुर जिले के गांवों में कई श्रमिकों को मजदूरी मिलने का इंतजार

जबलपुर। कोरोना संकट से जबलपुर जिले का गुबराकला गांव मिलकर लड़ रहा है। आमजन से लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, सरपंच, एकजुट हैं। वे ग्रामीणों के लिए आदर्श प्रस्तुत कर रहे हैं। दूसरी ओर गुंदरई गांव ऐसा है, जहां इस मुश्किल घड़ी में भी गांव के कई मजदूरों को लम्बे समय से अटकी उनकी मजदूरी नहीं मिल सक ी है। इतना ही नहीं कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए इस गांव में आवश्यक सावधानी भी नहीं बरती जा रही।
गांव- गुंदरई
आबादी- 1200
ग्रााम पंचायत- गुंदरई
तहसील- शहपुरा
जिला- जबलपुर
श्रमिकों को मजदूरी का इंतजार
इस गांव के श्रमिकों को मनरेगा के तहत किए काम की मजदूरी अब तक नहीं मिली। कई श्रमिकों को पीएम आवास योजना से भवन निर्माण के दौरान की गई मजदूरी के एवज में राशि नहीं दी गई। गांव में तालाब के चार घाटों के निर्माण के लिए दो लाख रुपए स्वीकृत हुए थे, लेकिन एक ही घाट बन सका है। गुंदरई ग्राम पंचायत के पंच चंद्रभान सिंह का कहना है कि पंचायत में गड़बड़झाला है। वे पंचायत के मनरेगा के मस्टररोल व आय-व्यय का ब्यौरा मांग चुके हैं, लेकिन जानकारी नहीं मिली। गांव के झब्बू दास, बेटी बाई पीएम आवास योजना के तहत किए काम की मजदूरी नहीं मिलने की गुहार जिला प्रशासन से लगा चुके हैं।
गांव- गुबराकला
आबादी- 2015
ग्राम पंचायत- गुबराकला
तहसील- शहपुरा
जिला- जबलपुर
सरपंच से लेकर आंगनबाड़ी, आशा कार्यकर्ता मुस्तैद
कोरोना के खिलाफ जंग में गुबराकला का हर व्यक्ति, सरपंच, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, आमजन सभी मुस्तैद हैं। गांव की सीमाओं पर बैरियर लगाकर ग्रामीण बारी-बारी से चौबीस घंटे पहरा दे रहे हैं। सरपंच थम्मन सिंह गांव में लगातार सेनेटाइजेशन करा रहे हैं। ग्रामीणों को मास्क बांटे गए हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता हर घर जाकर लोगों को बचाव के उपाय बता रही हैं। सभी के स्वास्थ्य का भी ध्यान रख रही है। गांव में सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया जा रहा है।
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