जबलपुर

Corona Exodus: सूरत से पैदल निकल पड़ी युवाओं की टोली

सूरत में कर रहे थे टाइल्स मिस्त्री का काम, 10 ढीमरखेड़ा तो अन्य कन्नौज व मिर्जापुर के रहने वाले

जबलपुरMar 31, 2020 / 11:14 am

santosh singh

youths walking out of Surat

जबलपुर। कोरोना के चलते पूरे देश में लॉक डाउन की हालत में मजदूरों का पलायन जारी है। जब ट्रेन और सडक़ परिवहन रुक गया तो लोग पैदल ही निकल पड़े। सूरत से 70 युवाओं की टोली पिछले पांच दिन से पैदल और बीच में कुछ ट्रक वालों की मदद से गांव के लिए निकल पड़े हैं। युवाओं की ये टोली सोमवार को बेलखेड़ा पहुंचे। यहां ग्रामीणों ने उनके भोजन की व्यवस्था कराई।
युवाओं की इस टोली में शामिल अजय कोल सिहोरा के पास ढीमरखेड़ा का रहने वाला है। अजय ने बताया कि उसके गांव व आसपास के 10 लोग सूरत में टाइल्स लगाने का काम करते थे। कोरोना के चलते काम-धंधा बंद हो गया। पेमेंट देकर ठेकेदार ने भी हाथ जोड़ लिया। ऐेसे में उनके सामने लौटने के अलावां कोई चारा नहीं था। परिवहन सेवाएं बंद होने के चलते पैदल लौटने का निर्णय लिया।

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पांच दिन से पैदल चल कर बेलखेड़ा पहुंचे
एक सप्ताह पहले सभी निकले थे। पिछले पांच दिनों से वे पैदल चल रहे हैं। इससे पहले ट्रकों से कुछ दूरी तय की थी। अजय के साथ मुकेश कोल, अनीश कोल, दिनेश, पम्मी कोल, जीतू, दिलीप, अरविंद ने बताया कि रास्ते में गांव वाले कुछ खाने को दे देते थे। इसी टोली के साथ मिर्जापुर और कन्नौज के भी युवक हैं। वे भी सूरत में बिल्डिंग मजदूरी का काम करते थे। बेलखेड़ा में भगवती मानव कल्याण संगठन की तरफ से सभी को भोजन की व्यवस्था कराई गई।

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आगरा से पैदल मंडला के लिए निकले
मंडला के गवारा निवासी अनिल जंघेला व शुभम जंघेला दिल्ली में मजदूरी करते थे। कोराना के चलते वहां काम बंद हुआ तो पैदल ग्रेटर नोएडा पहुंचे। यहां से यूपी परिवहन की बस से आगरा पहुंचे। इसके बाद पैदल वे चलकर सोमवार की रात 10 बजे जबलपुर पहुंचे। ओमती टीआई शिव प्रताप सिंह बघेल ने दोनों को भोजन करवाया और मंडला तक भिजवाने की व्यवस्था की।

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