ज्यादा घूमने फिरने वाले आए जकड़ में
कोरोना के नए मिल रहे मरीजों में 30 से 50 वर्ष आयु वर्ग के लोगों की संख्या लगभग 80 प्रतिशत तक है। इसमें भी ज्यादातर की ट्रेवल हिस्ट्री है। विदेश सहित मुंबई, दिल्ली, बेंगलूरु जैसे महानगरों की यात्रा से लौटे लोगों में पॉजिटिव केस ज्यादा हैं संक्रमण नियंत्रण की कवायद में जुटे प्रशासन ने कोरोना संदिग्धों पर भी निगरानी बढ़ा दी है। दवा दुकानों में डॉक्टर के पर्चे पर ही सर्दी, खांसी, बुखार की दवा ग्राहक को देने के निर्देश दिए गए हैं। जबलपुर केमिस्ट एसोसिएशन के सचिव डॉ. चंद्रेश जैन के अनुसार सर्दी खांसी-बुखार की दवा लेने वाले ग्राहक का फोन नम्बर सहित सम्पूर्ण विवरण दवा दुकानदार को रखना है। इसकी जानकारी प्रशासन को भी देनी है।
सरकारी अस्पतालों में 15 सौ के करीब बेड
तीसरी लहर में मरीज बढऩे की आशंका को लेकर प्रशासन सतर्क है। शहर के सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 आइसोलेशन के लिए लगभग 1500 बिस्तर हैं। इनमें ज्यादातर मैं ऑक्सीजन सुविधा है. मेडिकल में कुछ अतिरिक्त कोविड-19 बेड बढ़ाने की भी व्यवस्था की गई है।
कोरोना के बचाव को लेकर जागरुकता और सतर्कता रखना जरूरी है। दूसरी लहर में डेल्टा वेरिएंट से नुकसान हुआ था। यह अभी भी नए मरीजों में मिल रहा है। संदिग्ध लक्षण पर तुरंत जांच कराना जरूरी है। देर और लापरवाही पर संक्रमण गम्भीर हो सकता है।
-डॉ संजय भारती, कोविड-19 आइसोलेशन प्रभारी, एनएससीबी मेडिकल कॉलेज
कोरोना से सुरक्षा के लिए सभी को घर से बाहर निकलने पर लगाना आवश्यक है। भीड़ वाली जगह में जाने से अभी बचना चाहिए। अनावश्यक यात्रा ना करें। बार-बार हाथ सेनेटाइज करते रहना है। यदि कोई भी असामान्य लक्षण प्रतीत होता है, तो नजदीकी फीवर क्लीनिक में जांच कराएं।
-डॉ. संजय मिश्रा, क्षेत्रीय संचालक, स्वास्थ्य सेवाए