रजिस्ट्री कार्यालयों में लगातार स्लॉट की बुकिंग रहती है। नवरात्रि में तो रोजाना 180 से अधिक रजिस्ट्री हुईं। अभी इसमें बहुत तेजी की सम्भावना है, क्योंकि पुष्य नक्षत्र और धनतेरस के शुभ मुहूर्त में लोग मकान और प्लॉट की रजिस्ट्री कराते हैं। लोगों ने अभी से स्लॉट बुकिंग कराना शुरू कर दिया है। ज्ञात हो कि इस वर्ष जिले के पास करीब 478 करोड़ रुपए राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य है।
कोरोनाकाल में भी चला बिजनेस रियल इस्टेट कारोबार के साथ अच्छी बात यह थी कि वह कोरोनाकाल में भी नहीं रुकी। इस वित्तीय वर्ष में स्थिति ज्यादा बेहतर थी। जबकि कोरोना की वजह से मई माह से रजिस्ट्री कार्यालय तक जाने की छूट लोगों को दी गई थी। ऐसे में कम समय में भी ज्यादा रजिस्ट्री से शासन को राजस्व भी अधिक मात्रा में प्राप्त हुआ है। यह करीब 478 करोड़ रुपए का राजस्व कुल लक्ष्य का तकरीबन 32 प्रतिशत है तो अक्टूबर माह तक तय किए गए लक्ष्य के अनुरूप यह 87 प्रतिशत से ऊपर है।
बैंकों की ब्याज दर ने किया काम करीब डेढ़ माह पूर्व बैंकों की ओर से होम लोन की ब्याज दरों में कमी किए जाने से मकान, फ्लैट्स और छोटे एवं बड़े प्लॉट की बिक्री में भी तेजी आई है। इसलिए राजस्व में लगातार वृद्धि हुई है।
खाली जगहों पर खरीदा मकान कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए लोगों ने ऐसी जगह घरों को खरीदा जहां खुला स्पेस अधिक है। इसलिए ऑटोमोबाइल की तरह यह कारोबार लॉकडाउन के पीरियड में भी चलते रहा। शहर में ज्यादातर इलाके ऐसे हैं जहां घनी बसाहट है। इन क्षेत्रों में कोरोना के संक्रमण का खतरा ज्यादा बना हुआ था। इसलिए लोगों ने शहर से बाहर और उससे लगे हाउसिंग प्रोजेक्ट में नया घर खरीदा।
राजस्व की स्थिति वर्ष 2019-20 अक्टूबर में- अप्रैल से अक्टूबर 22.11- 144.81 वर्ष 2020-21 अक्टूबर में- अप्रैल से अक्टूबर 21.20- 115.44 वर्ष 2021-22 अक्टूबर में- अप्रैल से अक्टूबर
30.00- 151.05 (नोट : राजस्व की राशि करोड़ रुपए में) जबलपुर और प्रक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जिलों में इस वित्तीय वर्ष में अन्य वर्षों की अपेक्षा ज्यादा राजस्व की प्राप्त हुआ है। आगामी समय में और अधिक दस्तावेजों के पंजीयन की सम्भावना है।
प्रभाकर चतुर्वेदी, उप महानिरीक्षक पंजीयन, जबलपुर परिक्षेत्र