scriptकोहराम: कोरोना से डॉक्टर की मौत, आईसीयू फुल,मनमानी फीस लेकर भी भगा रहे अस्पताल | corona ka kohram, doctor ki maut, ICU full bad not available | Patrika News
जबलपुर

कोहराम: कोरोना से डॉक्टर की मौत, आईसीयू फुल,मनमानी फीस लेकर भी भगा रहे अस्पताल

आइसीयू फुल, संक्रमितों को छह-छह घंटे तक बाहर करना पड़ रहा इंतजार

जबलपुरSep 13, 2020 / 02:27 pm

Lalit kostha

जबलपुर। शहर के प्रख्यात डॉ. क्षितिज भटनागर की आज भोपाल में मौत हो गई है। वे भोपाल में कोरोना का इलाज कराने गए थे। उनके स्वर्गवास पर डॉक्टर्स में शोक की लहर छा गयी है। कोरोना मरीजों का आंकड़ा बढऩे के साथ सरकार के उपचार के संसाधन कम पडऩे लगे हैं। सरकारी से लेकर प्राइवेट अस्पतालों में गम्भीर कोरोना मरीजों को उपचार मिलना मुश्किल हो रहा है। इसकी बड़ी वजह अस्पतालों में आइसीयू बेड की सीमित संख्या का होना है। सीरियस एक्टिव केस में वृद्धि से मेडिकल कॉलेज से लेकर निजी अस्पतालों के कोविड आइसीयू फुल हो गए हैं। कुछ कोविड आइसीयू में एकस्ट्रा बेड लगाने के बाद भी भर्ती होने के लिए संक्रमितों की वेटिंग समाप्त नहीं हो रही है। कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद संक्रमित निजी अस्पतालों की पार्किंग में अपनी कार में छह-छह घंटे खड़े रहकर बिस्तर खाली होने का इंतजार कर रहे हैं। मेडिकल कॉलेज में रेफर मरीज को वहां पहुंचने के बाद बिस्तर खाली होने की प्रतीक्षा में एंबुलेंस में ही तीन-चार घंटे तक बैठे रहना पड़ रहा है।

 

corona ka kohram

जिम्मेदारों की चूक से स्थितियां खराब
कोरोना संक्रमण के फैलाव के बाद उपचार को लेकर स्थितियां जिम्मेदारों की लापरवाही से खराब हुई। संक्रमण रोकथाम की जिम्मेदारी सम्भाल रहे स्वास्थ्य अधिकारियों ने आने वाले समय में कोरोना मरीज बढऩे का आकलन सटीक किया। लेकिन उनके उपचार के लिए सुविधाएं जुटाने के नाम पर सिर्फ आइसोलेशन सेंटर के भवन चिन्हित करते रहे। आइसीयू और ऑक्सीजन बेड की संख्या बढ़ाने पर जोर नहीं दिया। इसके कारण जिले में कोरोना मरीजों के आइसोलेशन के लिए सभी कोविड केयर सेंटर मिलाकर दो हजार से ज्यादा बिस्तर उपलब्ध होने के बावजूद उसके अनुपात में आइसीयू नहीं बनाए जाने से गम्भीर कोरोना संक्रमित के उपचार का संकट बढ़ता जा रहा है।

मेडिकल में अतिरिक्त बिस्तर लगाए
कोविड के लिए चिन्हित कुछ प्राइवेट अस्पतालों के अभी क्षमता अनुसार संक्रमित को भर्ती नहीं करने और आइसीयू कोविड के लिए खोले नहीं जाने से उपचार को लेकर समस्या बन रही है। कहीं एडमिशन नहीं मिलने पर मरीज मेडिकल कॉलेज पहुंच रहे हैं। इससे मेडिकल कॉलेज में कोविड मरीजों का भार बढ़ता जा रहा है। सूत्रों के अनुसार सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के कोविड वार्ड में कुछ दिनों में आइसीयू बेड की संख्या 64 से बढ़ाकर 124 कर दी गई है। गम्भीर हालत में लगातार आते मरीज को इलाज देने के लिए कोविड आइसीयू में करीब 25 अतिरिक्त बिस्तर लगाए जा चुके है। उसके बाद भी लगातार गम्भीर मरीज आने का सिलसिला जा रही है।

 

corona ka kohram

मनमानी फीस देने पर भी लौटा रहे मरीज
कोरोना संक्रमित के उपचार के लिए मनमानी फीस देने के लिए तैयार होने पर भी अब प्राइवेट हॉस्पिटल मरीजों को लौटाने लगे है। तिलहरी निवासी एक 50 वर्षीय व्यक्ति कोरोना संक्रमित मिला। सांस लेने में समस्या होने पर वे नार्थ सिविल लाइंस स्थित निजी अस्पताल में भर्ती होने गए। हॉस्पिटल की पार्किंग में अपनी कार में करीब 6-8 घंटे तक बैठकर इंतजार करने और परिजनों के कई बार मिन्नतें करने के बाद बिस्तर खाली होने पर उन्हें भर्ती किया गया।

जानकारी के अनुसार दमोहनाका स्थित एक निजी अस्पताल में इलाज कराने गए व्यक्ति ने अपनी कोरोना संक्रमित माता को भर्ती करने के लिए प्रबंधन को अग्रिम शुल्क भुगतान का प्रस्ताव दिया। लेकिन आइसीयू खाली नहीं होने पर भर्ती करने से मना कर दिया गया। पड़ोसी जिले से रेफर होकर गए एक मरीज को सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में बिस्तर खाली होने के इंतजार में करीब तीन घंटे एंबुलेंस में ही रहना पड़ा। स्वास्थ्य विभाग के अगले महीने कोरोना एक्टिव केस कई गुना बढऩे के अनुमान के बीच कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड केयर सेंटर तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इससे बिस्तरों की कमी को दूर किया जा सकेगा।

अस्पताल में रेफर होकर आने वाले कोरोना के गम्भीर मरीज बढ़े हैं। इन मरीजों के लिए अस्पताल में लगातार आइसीयू की संख्या बढ़ाने पर काम कर रहे है। 35 नए वेंटीलेटर शासन ने उपलब्ध कराए हैं। इनका इंस्टॉलेशन शुरूकर दिया गया है। मरीजों को बेहतर उपचार देने के हर सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं।
– डॉ. पीके कसार, डीन, एनएससीबी मेडिकल कॉलेज

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो