मुनाफाखोरी पर उतरे फुटकर कारोबारी, सब्जी और फल बेच रहे मनमाने रेट
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन ने कफ्र्यू और लॉकडाउन भी लागू किया है। इसका मकसद सोशल डिस्टेसिंग बनाए रखना है। जिला प्रशासन ने सोशल डिस्टेंसिंग के कारण थोक सब्जी एवं फल मंडी को भी बंद कर दिया है। सिर्फ हाथ ठेला एवं ऑटो रिक्शा में सब्जी एवं फल बेचने की अनुमति दी गई है। सब्जी मंडी बंद होने से फुटकर कारोबारियों को उतनी मात्रा में सब्जियां नहीं मिल रही हैं। वे अब शहर के आसपास के बड़े किसानों से सब्जियां खरीदकर बेच रहे हैं। ऐसे में दाम भी तेज कर दिए हैं।
भिंडी 60 तो टमाटर भी 25 से 30 रुपए प्रति किलो
सब्जियों की आवक कम होने की बात कहकर फुटकर कारोबारियों ने सब्जियों के रेट बढ़ा दिए हैं। शुक्रवार को भिंडी 60 रुपए किलो तक बिकी। लौकी 30 रुपए और टमाटर भी ज्यादातर जगहों पर 25 से 35 रुपए किलो तक बिका। भटा के भाव भी 20 से 25 रुपए किलो कर दिए गए। ककड़ी 40 रुपए किलो और फरासबीन तथा करेला 50 से 60 रुपए किलो कर दिए गए हैं। इनके दामों पर नजर रखने के लिए तमाम प्रकार के विभागों के अधिकारियों को तैनात किया गया है, लेकिन उनकी कार्रवाई कम नजर आ रही है।
प्रशासन के साथ बैठक
सब्जियों के साथ फलों की कीमत भी तेज हो गई है। फुटकर कारोबारी औने-पौने दामों में इन्हें बेच रहे हैं। केला 40 से 50 रुपए दर्जन हो गया है। अंगूर 60 से 80 रुपए किलो बिक रहा है। पपीता भी 40 से पचास रुपए किलो बिक रहा है। इस बीच शुक्रवार को थोक फल व्यापारियों की प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक हुई। इसमें फल व्यापारियों के द्वारा कम दाम में फल उपलब्ध करवाने की बात कही। थोक फल व्यापारी संघ के उपाध्यक्ष अशरक रिजवी ने बताया कि फलों की कीमत ज्यादा नहीं वसूली जाए इसलिए ऑटो के माध्यम से शहर में फलों की बिक्री कराएंगे। उन्होंने बताया कि सुबह 4 से सात बजे तक बाहर से आने वाला फल मंडी में एकत्रित किया जाएगा। फिर यहां से अलग-अलग जगहों पर उसे पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी।
सब्जी और फलों के दामों में मुनाफाखोरी नहीं होने दी जाएगी। ऐसा करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। फल एवं सब्जी की सप्लाई सामान्य करने के लिए चेक पोस्ट पर नगर निगम के माध्यम फल एवं सब्जियां एकत्रित की जाएंगी। यह काम सुबह 7 बजे तक खत्म कर लिया जाएगा।
– भरत यादव, कलेक्टर