जबलपुर

मेडिकल में लापरवाही का वीडियो: सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में आत्महत्या करने खिडक़ी से कूदा कोरोना का मरीज

उसी खिडक़ी से फिर कूदा कोरोना मरीज जहां से पहले एक ने कूदकर जान गंवाईपरिजनों ने लगाए देखरेख नहीं होने के आरोप, कटनी से रेफर होकर आया था मरीज

जबलपुरOct 10, 2020 / 12:05 pm

Lalit kostha

MP Corona Update : कोरोना संक्रमितों की संख्या पहुंची 1 लाख 13 हज़ार के पार, 24 घंटे रिकॉर्ड 42 की मौत

जबलपुर। मेडिकल अस्पताल के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के कोविड वार्ड में लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है। तमाम निगरानी और सुरक्षा इंतजाम के बाद भी शुक्रवार को यहां भर्ती एक 43 वर्षीय मरीज ने दूसरी मंजिल के ओटीएस से कूद कर आत्महत्या कर ली। अस्पताल से कूदकर कोरोना मरीज के जान देने की यह दूसरी घटना है। 4 सितंबर को भरतीपुर निवासी 64 वर्षीय कोरोना मरीज ने जिस जगह छलांग लगाई थी, शुक्रवार को सुबह कटनी से आया मरीज भी वहीं से कूदा। मरीज पट्टी तोडकऱ वेंटीलेशन एलीवेशन की जगह से कूदा। इसी प्रकार अगस्त के महीने में भी दो मरीज खिडक़ी लांघकर छज्जे तक पहुंच गए थे। इस मामले में परिजनों का आरोप है कि स्टॉफ वार्ड में नहीं रहता था और मरीज की देखरेख नहीं हो रही थी। जानकारी के अनुसार कटनी से रेफर होकर आए 43 वर्षीय पुरुष के कोरोना पॉजिटिव मिलने पर 3 अक्टूबर को स्पाइन इंज्यूरी सेंटर में बनाए गए कोविड वार्ड में भर्ती किया गया था। सांस लेने में समस्या बढऩे पर गुरुवार को दोपहर में मरीज को सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की दूसरी मंजिल में भर्ती किया गया। सेहत खराब होने के साथ ही मरीज अजीब व्यवहार कर रहा था। शुक्रवार को सुबह 8 मरीज वेंटीलेशन के लिए खुली एक खिडक़ी के पास गया और बाहर कूदने लगा। जब तक स्टाफ मरीज को पकड़ता उसने छलांग लगा दी। नीचे कांक्रीट वाली जगह पर गिरने से मरीज को अंदरूनी चोट के साथ रीढ़ की हड्डी में गम्भीर नुकसान पहुंचा। उपचार के दौरान दोपहर को मरीज की मौत हो गई। घटना के बाद पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण किया।

 

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परिजन का आरोप सही देखभाल नहीं
कटनी जिला निवासी कोरोना मरीज की मौत के मामले में भी आइसोलेशन के दौरान अकेलेपन से अवसाद के शिकार होने की प्रारंभिक जानकारी सामने आई है। परिजनों का आरोप है कि मरीज हॉस्पिटल में नहीं रहना चाहता था। मृतक की परिजन संध्या चौबे ने आरोप लगाया कि स्टाफ वार्ड में नहीं रहता था। डॉक्टर एक बार आते थे। इससे उनके मरीज परेशान थे। उन्हें लग रहा था कि उपचार ठीक से नहीं हो रहा है। वे मेडिकल से बाहर ले जाने के लिए बोल रहे थे। प्राइवेट अस्पताल में मरीज को भर्ती करना चाहते थे, लेकिन डॉक्टर पहले भर्ती कराने वाले अस्पताल के डॉक्टर से बात कराने के लिए बोल रहे थे। उधर अस्पताल का कहना है कि सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में शिफ्ट करने के बाद मरीज को हाईफ्लो ऑक्सीजन थैरेपी पर रखा गया था। मरीज अवसाद में था। कांउसलिंग भी की गई थी।

मेडिकल कॉलेज में एक कोरोना मरीज के दूसरी मंजिल से कूदने के बाद मौत हुई है। घटना की जांच की जा रही है।
राकेश तिवारी, थाना प्रभारी, गढ़ा

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