scriptकोरोना काल में खुश कर देने वाला इलाज, वह भी सरकारी अस्पताल में | Coronation period pleasing treatment, in government hospital | Patrika News

कोरोना काल में खुश कर देने वाला इलाज, वह भी सरकारी अस्पताल में

locationजबलपुरPublished: Sep 12, 2020 10:06:55 pm

Submitted by:

shyam bihari

जबलपुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती नवजात की दोनो नाक बंद थी, पांच से आठ हजार शिशु में किसी एक को होती है ये बीमारी

Netaji Subhash Chandra Bose Medical College

Netaji Subhash Chandra Bose Medical College

जबलपुर। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज, जबलपुर में एक नवजात को भर्ती किया गया तो उसके नाक की दोनों नली बंद थी। सांस लेने में परेशानी के कारण उसका दम घुट रहा था। वह नीला पड़ रहा था। इएनटी विशेषज्ञों ने जांच की तो नवजात एक दुर्लभ बीमारी से पीडि़त मिला। यह बीमारी औसतन पांच से आठ हजार शिशु में किसी एक को होती है। डॉक्टरों ने ऑपरेशन का निर्णय किया। इस दुर्लभ केस की सर्जरी भी जटिल थी। लेकिन मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने एक से ड़ेढ़ घंटे में 17 दिन के शिशु की सफल सर्जरी की। ऑपरेशन करके नाक की हड्डी काटकर श्वास नली बना दी। सर्जरी के बाद नवजात स्वस्थ्य है। उसकी हालात में लगातार सुधार आ रहा है।
नीला पड़ रहा था शरीर
दमोह जिले की महिला की 16 अगस्त को स्थानीय अस्पताल में सिजेरियन हुआ। नवजात का मां का दूध नहीं पी पा रहा था। दूध पीने पर उसकी सांस रुक रही थी। उसका रंग नीला पड़ रहा था। हालत बिगडऩे पर नवजात को मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। जहां 9 सितंबर को डॉक्टर्स ने शिशु की सर्जरी की। फॉलोअप जांच में शिशु की हालत बेहतर मिली है। सर्जरी टीम में डॉ. कविता सचदेव, डॉ. टीनू, एनस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. आशीष सेठी, डॉ. समन शामिल थे।एनएसीबीएमसी की इएनटी स्पेशलिस्ट डॉ. कविता सचदेव ने बताया कि जन्मजात नाक में सांस लेने के लिए जगह ना होने के केस काफी कम होते हैं। यह शिशु पीडि़त मिलते ही रेफर कर दिया गया। समय पर केस आने से जल्दी सर्जरी की जा सकी।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो