चरगवां रोड पर प्राइवेट और मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन सेंटर में डटे हैं डॉक्टर-नर्स व अन्य कर्मी
कर्तव्य पथ से नहीं डिगे कदम, दुधमुंही बेटी है, फिर भी ड्यूटी पर पहुंचीं
सेनेटाइजेशन से लेकर हर जरूरी एहतियात-
शहर के दो मेडिकल कॉलेज में बनाए गए आइसोलेशन सेंटर में कोरोना संक्रमितों और संदिग्धों को भर्ती किया जा रहा है। यहां तैनात स्टाफ को सेनेटाइजेशन से लेकर हर जरूरी एहतियात बरतने के निर्देश हैं।
एक घंटे सेनेटाइजेशन के बाद बच्ची को गोद में ले पाती हूं-
प्राइवेट मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन सेंटर में सेवा दे रही कम्युनिटी हेल्थ अधिकारी सुनीता रनदिवे की बड़ी बेटी साढ़े तीन वर्ष और छोटी बेटी की उम्र महज नौ माह है। आइसोलेशन सेंटर के लिए कॉल आया, तो उन्होंने मना नहीं किया। ार पहुंचने पर करीब एक घंटे लगता है खुद को सेनेटाइज करने में।
अलग कमरे में रहना शुरूकर दिया
एनएससीबी मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन सेंटर के प्रभारी डॉ. संजय भारती के अनुसार उनके घर में लोग बहुत कॉन्सियस है। घर पर सात वर्ष का बेटा और वृद्ध माता-पिता हैं। एहतियातन वे घर में रहते हुए भी एक क्वारंटाइन हैं। घर में फस्र्ट फ्लोर में अलग कमरे में ही रहना शुरू कर दिया है।
वापसी का कोई समय नहीं
चरगवां रोड स्थित प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में बनाए गए आइसोलेशन सेंटर के प्रभारी डॉ. संजय मिश्रा के पास एल्गिन अस्पताल और ब्लड बैंक का जिम्मा है। सुबह घर से निकलने के बाद वापसी का कोई समय निर्धारित नहीं है।
मां-पत्नी बाहर गई थी, लौटने से मना किया
एनएससीबी मेडिकल कॉलेज में असिसटेंट प्रोफेसर डॉ. मृत्युंजय सिंह की मां कुछ दिन पहले ही
गांव और पत्नी मायके गई हैं। डॉ. सिंह को आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी के लिए बुलाया तो उन्होंने मां और पत्नी को घर लौटने से मना कर दिया। उसके बाद सर्वेंट को भी आने से मना कर दिया। डॉ. सिंह उस टीम का हिस्सा हैं जो संक्रमित मरीजों की जांच कर रही है।