स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही, बाद में कराई कोविड जांच
फ्लाइट से आया
इंजीनियर नई दिल्ली से फ्लाइट से 30 मई को शहर आया था। 31 मई को बुखार महसूस हुआ, तो वह मेडिकल गया। जांच से संतुष्ट नहीं होने पर एक जून को विक्टोरिया गया। बाद में तत्कालीन सीएमएचओ से एप्रोच करने पर उसे दोबारा अस्पताल बुलाया गया। पांच जून को नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए। आठ जून को रिपोर्ट पॉजीटिव आई। उसके बाद एक के बाद एक परिवार के सात और सदस्य जांच में संक्रमित मिले। इसमें एक हाई रिस्क के दो मरीज हैं। इसमें 61 वर्षीय डायबिटीक और एक साल की बच्ची शामिल है।
फ्लाइट से आए इंजीनियर की नई दिल्ली और डुमना एयरपोर्ट पर थर्मल स्क्रीनिंग हुई। उसके शरीर का तापमान सामान्य पाया गया। फिर भी एक फॉर्म भराया गया। घर जाकर स्वास्थ्य में परेशानी होने पर अस्पताल जाकर जांच कराने के लिए कहा गया। घर पहुंचने के बाद उसे बुखार आया। जानकारी के अनुसार 31 मई को मेडिकल और एक जून को विक्टोरिया अस्पताल जाने पर थर्मल स्कैनर से उसका ट्रैम्प्रेचर लिया गया तो 95-96 प्वाइंट रेकॉर्ड हुआ। दोनों ही बार जब उसने घर जाकर डिजीटल थर्मामीटर से जांच की तो तापमान 100 प्वाइंट-फाोनहाइट आया।