गर्मी में शाम होते ही मच्छर डंक मारने लगे हैं। रातों की नींद भी ***** हो गई है। नगर निगम ने मच्छरों की सुध लेते हुए उनका विनिष्टीकरण करने अभियान शुरू किया है लेकिन, अभियान चंद इलाकों तक सिमट गया है। शहर की तंग बस्तियों में निगम की टीम मच्छरों को मारने न तो कीटनाशक दवाओं का छिडक़ाव करने पहुंच रही है न ही फागिंग मशीन से धुंआ उड़ाने कोई टीम आ रही है। हालत यह है कि इन क्षेत्रों में नाली-नलियों की नियमित सफाई नहीं होने से नालियां बजबजा रही हैं, जिससे मच्छर बढ़ गए हैं।
सुबह दवा, शाम फॉगिंग का दावा-स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार कहते हैं कि सुबह एवं शाम की पालियों में फॉगिंग व दवा छिडक़ाव कार्य के लिए 22 टीमें गठित की गई हैं। ये टीम अलग-अलग वार्डों में जाकर हैंडस्प्रे मशीनों से कीटनाशक दवाइयों का छिडक़ाव कर रही हैं। इन जगहों पर सुबह कीटनाशक दवाइयां व शाम के समय भी फागिंग यानी धुंए से मच्छरों का विनिष्टीकरण कराया जा रहा है।
यहां हुआ छिड़काव मलेरिया विभाग के मुताबिक छह संभागों के वार्डो में सुबह और शाम के समय छिडक़ाव एवं फागिंग हुई है। जिसमें गोरखपुर बनारसीदास भनोट वार्ड, रतन नगर कालोनी के आस-पास, न्यू जगदंबा कालोनी, अभिषेक बिहार कालोनी, पूर्व एमआइसी सदस्य काके आनंद का निवास, कटंगा रोड इंग्लिश मीडियम स्कूल के पीछे का संपूर्ण क्षेत्र के अलावा संभाग क्रमांक पांच और सात के रिहायशी इलाके शामिल रहे। पूर्व विधानसभा क्षेत्र की तंग बस्तियों में टीम नहीं पहुंची, जिससे इन इलाकों में मच्छरों की संख्या कहीं ज्यादा है। लोग शाम को अपने घरों के बाहर भी नहीं बैठ सकते हैं।
कहते हैं लोग हमारे यहां न तो दवा का छिडक़ाव हुआ है और न ही यहां फॉगिंग मशीन आई है। स्मिता सक्सेना, स्नेह नगर मच्छरों से परेशान हो गए हैं। नगर निगम ने नालियां साफ नहीं की है, जिससे ये बढ़ रहे हैं।
एकता दुबे, अग्रवाल कॉलोनी रुपा रजक, द्वारका नगर जिम्मेदार बोले- मच्छर मारने के लिए पिछले माह से अभियान चलाया जा रहा है। इसमें 22 टीमें लगाई गई हैं, जिन पर नजर रखी जाती है।
भूपेन्द्र सिंह, स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम