जबलपुर. कठौंदा में डॉग एवं पिग हाउस बनाया गया है। इस यूनिट में डॉग का बधियाकरण किया जाता है। डॉग को पोस्ट केयर देने के बाद उसे जिस जगह से लाया गया था, उसे वहीं छोड़ा जाता है। इससे डॉग अपने वातावरण में पहुंच जाता है और जनसंख्या पर नियंत्रण हो रहा है।
रोज पकड़े जाते थे 20 डॉग : नगर निगम के जानकारों का कहना है कि डॉग यूनिट में रोज शहर में आवारा घूमने वाले 20 डॉग को पकड़ा जाता था, जिनका बधियाकरण किया जाता था। उसके बाद उन्हें वापस छोड़ दिया जाता था।
ये थी हकीकत : निगम का दावा था कि डॉग को जिस जगह से लाया जाता था, उसे वहीं छोड़ा जाता था लेकिन हकीकत यह थी डॉग को लाने के बाद उसका ऑपरेशन होता था और उसके बाद यूनिट से बाहर निकाल दिया जाता था, जिससे बीमार डॉग इधर-उधर भटक कर खूंखार हो जाता था।
ऑफ दी रेकार्ड : जानकारों का कहना था कि ऑपरेशन के बाद डॉग को चार दिनों का पोस्टकेयर दिया जाता था, लेकिन हकीकत यह है कि भर्ती करने की जगह नहीं होने से इन्हें चार दिन पोस्टकेयर नहीं मिलता था।
सौ एंटी रैबीज इंजेक्शन रोज विक्टोरिया, मेडिकल में करीब सौ एंटी रैबीज के इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं। चिकित्सा जानकारों का कहना है कि इनमें रोज करीब अस्सी प्रतिशत नए मरीज आ रहे हैं, जबकि अन्य मरीजों को रूटीन इंजेक्शन लग रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि विक्टोरिया और मेडिकल का डॉटा मिल जाता है लेकिन निजी अस्पतालों का डाटा नहीं है लेकिन डॉग बाइट बढ़ा है।
पशु प्रेमी सम्भल रहे बीमार डॉग डॉग यूनिट बंद हो जाने की वजह से बीमार डॉग यूनिट के आसपास ही घूम रहे हैं। वे पास ही कॉलोनी तक पहुंच गए हैं। भूख की वजह से ये वाहनों के पीछे दौडऩे लगे हैं। जानकार कहते हैं कि पशुप्रेमी बीमार डॉग को भोजन पहुंचा रहे है। वे कहते हैं कि इनमें से कई ऐसे डॉग है, जिन्होंने बच्चे दिए हैं। मौके पर उनकी सेवा की जा रही है।
– एनीमल बोर्ड ने शिकायतों को देखते हुए अभी डॉग हाउस पर रोक लगा दी है। इसकी जांच होने के बाद ही इसे चालू किया जाएगा। भूपेन्द्र सिंह, स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम