निगम का खजाना खाली, टूट न जाए विकास का सपना
जबलपुरPublished: Jul 12, 2019 08:51:25 pm
पहले तीन महीनों में नहीं हुई बड़ी वसूली
जबलपुर। शहर विकास को लेकर निगम के बजट में दिखाए गए सपने खटाई में पड़ सकते हैं। नगर निगम का खजाना खाली है। आमदनी अठन्नी और खचाज़् रुपैया की कहावत चरिताथज़् हो रही है। संपत्ति कर, जल शुल्क, बैठकी व अन्य मदों से होने वाली आय शुरुआती तिमाही में काफी कम है। राज्य सरकार से मिलने वाली चुंगी क्षति पूतिज़् की राशि प्राप्त नहीं हुई है। इन कारणों से निगम को बड़े वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में शनिवार को आयोजित होने वाली लोक अदालत पर निगम प्रशासन की आस टिकी है। लोक अदालत में निगम के लंबित प्रकरणों के निपटारे से तीन करोड़ के लगभग आय का अनुमान है।
विकास के अटक सकते हैं ये काम
-1 करोड़ से गंजीपुरा में महिला माकेज़्ट
-1.50 करोड़ से यातायात व्यवस्था बेहतर करने की कवायद
-2 करोड़ से चिल्ड्रन पाकज़् का निमाज़्ण
-5 करोड़ से सभी निगम संभागों में एक-एक जोन
-5 करोड़ से झील व तालाब का उन्नयन
-5 करोड़ गौशाला विकास व रखरखाव
-निवाडग़ंज मल्टी स्टोरी का विकास
-6 करोड़ की लागत से खरीदी जाना है मशीनरी
निगम की आय
-120 करोड़ रुपए संपत्ति कर से होनी है वसूली
-41 करोड़ जल शुल्क से मिलना है
निगम के मुख्य खचज़्
-20 करोड़ स्ट्रीट लाइट का भुगतान
-90 से 95 करोड़ सफाई व स्वास्थ्य विभाग
-59.50 करोड़ जलापूतिज़्
चुनाव के समय प्रभावित होगी राजस्व वसूली
निगम चुनाव इसी साल होना है। ऐसे में माना जा रहा है कि अक्टूबर महीने के अंत या नवंबर महीने की शुरुआत में चुनाव आचार संहिता लग जाएगी। इस दौरान दो से ढाई महीने का समय चुनाव प्रक्रिया में बीतेगा। ऐसे में निगम की राजस्व वसूली एक बार फिर प्रभावित होगी। राजस्व अधिकारी व उपायुक्त पीएन संखेरे के अनुसार संपत्ति कर, जल कर व अन्य मदों से नगर निगम की आय हो, इसके लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। उम्मीद है की लोक अदालत के दौरान प्रकरणों के निपटारे से निगम को बड़ी राशि प्राप्त हो सकती है।