ऑफलाइन और ऑनलाइन प्रोसेस
इस पहल में हर कोई हिस्सा ले सकता है। स्टूडेंट्स के लिए यह प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में की जाएगी। ऑफलाइन काउंसलिंग के लिए स्टूडेंट़्स को महाकोशल कॉलेज में बनाए गए काउंसलिंग सेंटर की विजिट करनी होगी, जहां वे सुबह 11 बजे से 5 बजे तक काउंसलिंग प्रोसेज में हिस्सा ले सकते हैं। इसके अलावा ऑनलाइन मोड में किसी भी वक्त मनोवैज्ञानिक और विषय चुनाव की जानकारी को पूछा जा सकता है।
इस पहल में हर कोई हिस्सा ले सकता है। स्टूडेंट्स के लिए यह प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में की जाएगी। ऑफलाइन काउंसलिंग के लिए स्टूडेंट़्स को महाकोशल कॉलेज में बनाए गए काउंसलिंग सेंटर की विजिट करनी होगी, जहां वे सुबह 11 बजे से 5 बजे तक काउंसलिंग प्रोसेज में हिस्सा ले सकते हैं। इसके अलावा ऑनलाइन मोड में किसी भी वक्त मनोवैज्ञानिक और विषय चुनाव की जानकारी को पूछा जा सकता है।
ताकि न हो कन्फ्यूजन
एक्सपट्र्स का कहना है कि बिना की जानकारी के लिए स्टूडेंट्स ऐसे सब्जेक्ट और ऐसे कोर्सेज का चुनाव कर लेते हैं, जो उनके अनुरूप नहीं होता है। ऐसे में इसके लिए जरूरी है कि पहले ही से इन बातों की जानकारी हो कि उन्हें आखिर करना क्या है।
कम परसेंट में भी ऑप्शन
काउंसलिंग के लिए स्टूडेंट्स यदि कम परसेंट वाले हैं तब भी वे किस फील्ड में आगे बढ़कर कॅरियर बना सकते हैं इस बात की जानकारी उन्हें काउंसलिंग के विभिन्न स्टेजों के माध्यम से प्रदान की जाएगी। इसके लिए यदि पैरेंट्स चाहे तो वे भी इन काउंसलिंग का हिस्सा बन सकते हैं।
एक्सपट्र्स का कहना है कि बिना की जानकारी के लिए स्टूडेंट्स ऐसे सब्जेक्ट और ऐसे कोर्सेज का चुनाव कर लेते हैं, जो उनके अनुरूप नहीं होता है। ऐसे में इसके लिए जरूरी है कि पहले ही से इन बातों की जानकारी हो कि उन्हें आखिर करना क्या है।
कम परसेंट में भी ऑप्शन
काउंसलिंग के लिए स्टूडेंट्स यदि कम परसेंट वाले हैं तब भी वे किस फील्ड में आगे बढ़कर कॅरियर बना सकते हैं इस बात की जानकारी उन्हें काउंसलिंग के विभिन्न स्टेजों के माध्यम से प्रदान की जाएगी। इसके लिए यदि पैरेंट्स चाहे तो वे भी इन काउंसलिंग का हिस्सा बन सकते हैं।
कॉलेज चलो अभियान से जुड़कर
मप्र शिक्षा विभाग द्वारा पिछले कुछ सालों से कॉलेज चलो अभियान चलाया जा रहा है। इसका कारण ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट्स को शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित करता है। खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली छात्राएं और छात्रों को इस अभियान से जोड़ा जाता है, ताकि वे सरकार की नीतियों का फायदा उठाते हुए पढ़ाई कर सकें। इस काउंसलिंग प्रक्रिया में भी स्टूडेंट्स को कुछ ऐसी ही जानकारी प्रदान की जाएगी।
मप्र शिक्षा विभाग द्वारा पिछले कुछ सालों से कॉलेज चलो अभियान चलाया जा रहा है। इसका कारण ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट्स को शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित करता है। खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली छात्राएं और छात्रों को इस अभियान से जोड़ा जाता है, ताकि वे सरकार की नीतियों का फायदा उठाते हुए पढ़ाई कर सकें। इस काउंसलिंग प्रक्रिया में भी स्टूडेंट्स को कुछ ऐसी ही जानकारी प्रदान की जाएगी।
इस तरह मिलेगी काउंसलिंग
कम परसेंट वालों के लिए स्कोप
सब्जेक्ट कन्फ्यूजन
मानसिक गतिविधियों के बारें में
लॉन्ग टर्म के साथ शॉर्ट टर्म कोर्सेज
स्किल ओरिएंटेड कोर्सेज
विषयों के आधार पर कॅरियर गाइडेंस प्रकोष्ठ के तत्वावधान में संभाग स्तर पर काउंसलिंग की सुविधा 6 जून से शुरू की जाएगी। इसमें स्टूडेंट्स को एडमिशन से जुड़ी गाइडलाइन के साथ विभिन्न कोर्सेज की जानकारी ऑफलाइन और ऑनलाइन मोड में दी जाएगी।
डॉ. अरुण शुक्ल, संभागीय समन्वयक स्वामी विवेकानंद कॅरियर गाइडेंस प्रकोष्ठ
कम परसेंट वालों के लिए स्कोप
सब्जेक्ट कन्फ्यूजन
मानसिक गतिविधियों के बारें में
लॉन्ग टर्म के साथ शॉर्ट टर्म कोर्सेज
स्किल ओरिएंटेड कोर्सेज
विषयों के आधार पर कॅरियर गाइडेंस प्रकोष्ठ के तत्वावधान में संभाग स्तर पर काउंसलिंग की सुविधा 6 जून से शुरू की जाएगी। इसमें स्टूडेंट्स को एडमिशन से जुड़ी गाइडलाइन के साथ विभिन्न कोर्सेज की जानकारी ऑफलाइन और ऑनलाइन मोड में दी जाएगी।
डॉ. अरुण शुक्ल, संभागीय समन्वयक स्वामी विवेकानंद कॅरियर गाइडेंस प्रकोष्ठ