यह है मामला
शिवनगर दमोह नाका निवासी राजेश कु मार जैन ने परिवाद दायर कर कहा कि उन्होंने 22 दिसंबर 2016 को कटंगी नगर पालिका द्वारा निकाले गए ऑनलाइन टेंडर भरने के लिए प्रक्रिया की। इसके तहत उन्होंने निर्धारित स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया पूरी कर दी। इसके बाद टेंडर खरीदी का शुल्क भी ऑनलाइन जमा हो गया व उनके एकाउंट से रकम कट गई। इसके बावजूद न तो टेंडर परचेज हुआ, ना ही सबमिट किया जा सका। नगर पालिका से संपर्क कर यह रकम मांगी गई तो लौटाने से मना कर दिया गया।
अधिवक्ता अरुण कुमार जैन, विक्रम जैन ने तर्क दिया कि जिस काम के लिए राशि काटी गई, वह हुआ ही नहीं तो रकम लौटाई जानी चाहिए। सुनवाई के बाद कोर्ट ने अनावेदकों को आदेश दिया कि वे उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के तहत दोषी ठहराते हुए दो माह के अंदर ऑनलाइन टेंडर के लिए काटे गए 13728 रुपए 8 फीसदी ब्याज व दो हजार रुपए हर्जाने के साथ परिवादी को चुकाएं।